अपने तूफानी तेवरों के लिए मशहूर ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने श्रीलंका के खिलाफ अपनी 149 रन की पारी के दौरान विश्व कप फाइनल का सबसे तेज शतक भी बनाया।
गिलक्रिस्ट ने केवल 72 गेंद पर 8 चौकों और 6 छक्कों की मदद से शतक बनाया। इस तरह से उन्होंने वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान क्लाइव लॉयड का 32 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा। लॉयड ने 1975 में पहले विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लॉर्ड्स में केवल 82 गेंद पर शतक बनाया था।
गिलक्रिस्ट ने अपनी पारी में केवल 104 गेंद का सामना किया और इस तरह से विश्व कप फाइनल की सबसे तेज पारी भी खेली। लॉयड की जिस पारी का जिक्र उपर किया गया है, उसमें उन्होंने 85 गेंद पर 102 रन बनाए थे।
लॉयड की इस पारी में 12 चौके और दो छक्के शामिल थे, जबकि गिलक्रिस्ट ने अपनी पारी में 13 चौके और आठ छक्के लगाए। उन्होंने फाइनल में सर्वाधिक छक्के लगाने का अपने कप्तान रिकी पोंटिंग के रिकॉर्ड की बराबरी भी की। पोंटिंग ने 2003 में भारत के खिलाफ जोहान्सबर्ग में नाबाद 140 रन की पारी में आठ छक्के लगाए थे।
गिलक्रिस्ट ने पोंटिंग को पीछे छोड़कर फाइनल में सर्वाधिक स्कोर भी बनाया। तीसरे नंबर पर विवियन रिचर्ड्स का नाम आता है जिन्होंने 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में नाबाद 138 रन बनाये थे। उनकी इस पारी में 11 चौके और तीन छक्के शामिल हैं।
इसके अलावा केवल एक अन्य अवसर पर 1996 के फाइनल में ही किसी खिलाड़ी ने शतक लगाया था। तब श्रीलंका के अरविंद डिसिल्वा ने लाहौर में खेले गये फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 107 रन की पारी खेली थी। उनकी इस पारी के दम पर श्रीलंका पहली बार विश्व चैंपियन बनने में सफल रहा था।
विश्व कप में एक ऐसा भी फाइनल हुआ है, जिसमें कोई भी खिलाड़ी अर्द्धशतक तक नहीं बना पाया। भारत और वेस्टइंडीज के बीच 1983 के फाइनल में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर 38 रन था जो भारतीय सलामी बल्लेबाज कृष्णमाचारी श्रीकांत ने बनाया था।
यही नहीं, तीन अन्य विश्व कप फाइनल में भी किसी खिलाड़ी ने शतक नहीं लगाया। ऑस्ट्रेलिया के डेविड बून ने 1987 में इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता में खेले गए फाइनल में सर्वाधिक 75 रन और पाकिस्तान के इमरान खान ने इंग्लैंड के खिलाफ ही 1992 फाइनल में सर्वाधिक 72 रन बनाए थे।
गिलक्रिस्ट ने 1999 में ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच खेले गए फाइनल में भी सर्वाधिक स्कोर बनाया था। उन्होंने इस कम स्कोर वाले मैच में 54 रन की पारी खेली थी, जो इस मैच का एकमात्र अर्द्धशतक भी था।