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गेंदबाजी कोच बनना चाहते हैं प्रभाकर

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हमें फॉलो करें सर्वश्रेष्ठ स्विंग गेंदबाज मनोज प्रभाकर गेंदबाजी कोच
नई दिल्ली , रविवार, 22 अगस्त 2010 (20:57 IST)
भारत के सर्वश्रेष्ठ स्विंग गेंदबाज मनोज प्रभाकर ने भारतीय गेंदबाजों को अपना ‘रवैया बदलने की सलाह’ देते हुए आज कहा कि यदि उन्हें प्रस्ताव मिलता है तो वह राष्ट्रीय टीम के गेंदबाजी कोच बनने के लिए तैयार है।

पूर्व टेस्ट गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद को हटाये जाने के बाद इस साल जनवरी में दक्षिण अफ्रीका के एरिक सिमन्स गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया लेकिन वह भारतीयों गेंदबाजों के प्रदर्शन में सुधार करने में नाकाम रहे हैं, जो अभी टीम की सबसे बड़ी कमजोरी मानी जा रही है।

प्रभाकर से जब पूछा गया कि क्या वह राष्ट्रीय टीम का कोच बनने के इच्छुक हैं, उन्होंने कहा कि हां। क्यों नहीं। मैं दिल्ली और राजस्थान का कोच रहा हूँ। जब मैं इन टीमों को कोचिंग दे सकता हूँ तो भारतीय टीम को क्यों नहीं दे सकता।

भारत की तरफ से 39 टेस्ट और 130 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाला यह पूर्व आलराउंडर तीन साल पहले जब दिल्ली टीम का गेंदबाजी कोच था तब उन्होंने इस टीम को रणजी चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभायी थी । इसके बाद वह राजस्थान की रणजी टीम के कोच बन गये थे।

प्रभाकर से जब पूछा गया कि वह भारतीय गेंदबाजी की सबसे बड़ी कमजोरी क्या मानते हैं तो उन्होंने सपाट शब्दों में कहा कि गेंदबाजी कमजोर नहीं है और सिर्फ उसका रवैया बदलने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि भारतीय गेंदबाजी किसी भी दृष्टिकोण से कमजोर नहीं है। असल में खेल और गेंदबाजी के प्रति उनके रवैये में बदलाव लाने की जरूरत है। अभी लगता है कि उनकी दिलचस्पी खेल में अधिक नहीं है और उनके इस रवैये को हटाने की जरूरत है।
प्रभाकर ने हालाँकि यह पुष्टि नहीं की कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड की तरफ से उनके पास कोई प्रस्ताव आया है। सिमन्स को इस साल जनवरी में बांग्लादेश दौरे से भारतीय टीम का पहले गेंदबाजी सलाहकार और बाद में कोच नियुक्त किया गया।

उनके रहते हुए भारत की तरफ से तेज गेंदबाजों में ईशांत शर्मा ने सबसे अधिक सात टेस्ट मैच खेले लेकिन इस बीच इन मैच में वह केवल 19 विकेट ही ले पाए और उनका औसत 46.26 रहा। पिछली दस पारियों में तो दिल्ली का यह तेज गेंदबाज केवल दस विकेट ही ले पाया है।

जहीर खान ने इस बीच चार टेस्ट मैच में 23.22 की औसत से 22 विकेट जरूर लिए हैं लेकिन वनडे में वह आठ मैच में 37.44 की औसत से नौ विकेट ही ले पाए और इस बीच वह अपनी फिटनेस से भी जूझते रहे।

आशीष नेहरा ने इस साल 12 वनडे में 18 और प्रवीण ने नौ मैच में 14 विकेट लिए हैं। एस श्रीसंथ ने एक टेस्ट मैच में दो और आठ वन डे में नौ विकेट हासिल किए हैं। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी स्वीकार कर चुके हैं कि गेंदबाजी उनका कमजोर पक्ष है और विश्व कप से पहले यह टीम के लिए चिंता का विषय है।

इस बीच प्रभाकर को दिल्ली का पूर्णकालिक कोच बनाने की भी बात चल रही है। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ के सूत्रों ने पुष्टि की कि कोच पद के लिए इस आलराउंडर के नाम पर चर्चा चल रही है। (भाषा)

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