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टीम इंडिया का स्कोर कार्ड

रैना और नेहरा को छोड़कर सभी फ्लॉप

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नई दिल्ली , बुधवार, 12 मई 2010 (18:54 IST)
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ट्‍वेंटी-20 क्रिकेट विश्व कप में बल्लेबाज सुरेश रैना और बाएँ हाथ के तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को छोड़कर कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के धुरंधर पूरी तरह 'सुपर फ्लॉप' रहे।

रैना ने टूर्नामेंट में पाँच मैचों में 43.80 के औसत से भारत की तरफ से सर्वाधिक 219 रन बनाए, जिनमें एक शतक और अर्धशतक शामिल हैं। वह टूर्नामेंट में 100 से ज्यादा रन बनाने वाले एकमात्र भारतीय बल्लेबाज रहे।

नेहरा ने पाँच मैचों में 7.80 के इकोनॉमी रेट से दस विकेट हासिल किए। अन्य कोई भारतीय गेंदबाज पाँच विकेट भी हासिल नहीं कर पाया। रैना और नेहरा को छोड़ दिया जाए तो अन्य कोई भारतीय खिलाड़ी अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाया।

विश्वकप की भारतीय टीम के खिलाड़ियों का स्कोर कार्ड-

महेन्द्र सिंह धोनी : भारतीय कप्तान ने टूर्नामेंट के पाँच मैचों में सिर्फ 85 रन बनाए और उनका सर्वाधिक स्कोर 29 रन रहा। धोनी की विफलता भारतीय मध्यक्रम की सबसे बडी कमजोरी रही। श्रीलंका के खिलाफ आखिरी सुपर-8 मैच में वह रनगति को तेजी नहीं दे पाए जिसका खामियाजा भारत को हार के रूप में भुगतना पड़ा।

युवराज सिंह : वह टूर्नामेंट के सुपर फ्लॉप भारतीय खिलाड़ी रहे। युवराज ने पाँच मैचों में 74 रन बनाए और उनका सर्वाधिक स्कोर 37 रन रहा। उन्हें देखकर ऐसा लग ही नहीं रहा था कि यह वही खिलाड़ी है, जिसे कभी सिक्सर किंग कहा जाता था।

गौतम गंभीर : वर्ष 2007 में विश्व कप फाइनल में मैच विजयी पारी खेलने वाले गंभीर इस बार चार मैचों में 69 रन बना पाए। उनका सर्वाधिक स्कोर 41 रन रहा। वीरेन्द्र सहवाग की अनुपस्थिति में उन पर खासी बडी जिम्मेदारी थी लेकिन वह उसे निभाने में नाकाम रहे।

यूसुफ पठान : ऐसा लगता है कि पठान सिर्फ आईपीएल के लिए ही बने हैं। विश्व कप में वह पाँच मैचों में मात्र 42 रन बना पाए और उनका सर्वाधिक स्कोर 17 रन रहा। पठान ने इन मैचों में चार विकेट भी हासिल किए और वह सर्वाधिक विकेट लेने में नेहरा के बाद दूसरे भारतीय गेंदबाज रहे।

मुरली विजय : अपना पहला विश्व कप खेल रहे मुरली विजय चार मैचों में 57 रन ही बना पाए। इनमें एक मैच की 48 रन की पारी को छोड़ दिया जाए तो वह बाकी मैचों में लुटे-पिटे नजर आए।

रोहित शर्मा : रोहित ने तीन मैचों की दो पारियों में 84 रन बनाए और उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 79 रन रहा। कप्तान धोनी इस बल्लेबाज की प्रतिभा का सही इस्तेमाल नहीं कर पाए।

सुरेश रैना : वह एकमात्र सफल भारतीय बल्लेबाज रहे। उन्होंने पाँच मैचों में 219 रन बनाए और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 101 रन बनाकर ट्‍वेंटी-20 का पहला भारतीय शतकधारी होने का गौरव हासिल किया।

दिनेश कार्तिक : उन्हें सिर्फ दो मैच खेलने का मौका मिला जिसमें वह 29 रन बना पाए और उनका सर्वाधिक स्कोर 16 रन रहा।

हरभजन सिंह : भज्जी को भारतीय आक्रमण के लिए तुरप का पत्ता माना जा रहा था। लेकिन वह पाँच मैचों में 123 रन लुटाकर एक भी विकेट हासिल नहीं कर पाए।

रवीन्द्र जडेजा : आईपीएल-3 में प्रतिबंधित हुए ऑलराउंडर जडेजा विश्व कप के चार मैचों की दो पारियों में सिर्फ नौ रन बना पाए और गेंदबाजी में 117 रन देकर दो विकेट ही हासिल कर पाए।

जहीर खान : भारतीय टीम के इस प्रमुख गेंदबाज को इस बार विश्व कप में अंदर बाहर होना पड़ा। श्रीलंका के खिलाफ मैच में उन्हें अंतिम एकादश में ही जगह नहीं मिली। जहीर तीन मैचों में 105 रन देकर दो विकेट ही हासिल कर पाए।

आशीष नेहरा : वह एकमात्र सफल भारतीय गेंदबाज रहे, लेकिन उन्हें दूसरे छोर से कोई सहयोग नहीं मिला। नेहरा ने पाँच मैचों में 15.60 के औसत से सर्वाधिक दस विकेट हासिल किए।

आर विनय कुमार : विनय को श्रीलंका के खिलाफ सुपर-8 मैच में उतारा गया और उन्होंने खुद को साबित करते हुए 30 रन पर दो विकेट लिए, लेकिन धोनी का इससे पहले के मैचों में विनय को नहीं खेलाना समझ से परे है।

पीयूष चावला : उन्हें सिर्फ दो मैच खेलने का मौका मिला, जिनमें वह 55 रन देकर एक विकेट ही ले पाए।

प्रवीण कुमार : प्रवीण ने टूर्नामेंट में दो मैच खेले और वह 17 रन देकर दो विकेट ही ले पाए। (वार्ता)

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