Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

डंकन फ्लेचर के सामने हैं कई चुनौतियां

वेबदुनिया डेस्क

Advertiesment
हमें फॉलो करें डंकन फ्लेचर
FILE
डंकन फ्लेचर के भारतीय क्रिकेट टीम के कोच नियुक्त होने के साथ ही बीसीसीआई के इस फैसले पर प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। डंकन के कोच बनने पर मिली जुली बाते सामने आ रही हैं।

कुछ लोगों का कहना है कि बोर्ड को डंकन के बजाय किसी युवा कोच की जरूरत को महत्व देना था, जिससे टीम आधुनिक क्रिकेट के रास्ते पर आगे चल सके। 62 वर्षीय डंकन भारतीय टीम को नया क्या दे सकेंगे, जबकि वे खुद 2007 के बाद किसी राष्ट्रीय टीम को कोचिंग नहीं दे रहे हैं। पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर डंकन को कोच बनाए जाने से खुश नहीं हैं। गावस्कर के अनुसार डंकन के बजाय अमरनाथ बेहतर विकल्प हो सकते थे।

ऐसा नहीं है कि डंकन की कद्र करने वालों की कमी है। उन्हें पसंद करने वाले लोग भी हैं। इंग्लैंड टीम के साथ 1999 से 2007 तक बतौर कोच रहे डंकन को इंग्लिश कंडीशंस की अच्छी समझ है और भारत के अगामी इंग्लैंड दौरे पर डंकन की यह समझ टीम इंडिया के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती है।

डंकन विरोधी टीमों की ताकत को भांपकर उसके अनुसार रणनीति बनाने में तो माहिर हैं ही साथ ही उनका यह प्रबल विश्वास है कि हर टीम को विरोधियों के सामने अपनी सबसे बड़ी ताकत के साथ खेलना चाहिए। यही फॉर्मूला उन्होंने 2004 के इंग्लैंड के दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर भी आजमाया था और इसीलिए इंग्लैंड ने उनके कार्यकाल में लगातार आठ टेस्ट जीतने का रिकॉर्ड भी बनाया।

डंकन फ्लेचर ने इंग्लैंड की अपेक्षाकृत कमजोर टीम को टेस्ट क्रिकेट के आधारभूत सिद्धांतों पर फिर से अमल करवाया और श्रीलंका, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका को उनके घरेलू मैदान पर टेस्ट सिरीज में हराया। उस समय इंग्लैंड टीम के भारत दौरे पर मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर के खिलाफ डंकन अपने गेंदबाज एश्ले जाइल्स को नेगेटिव बॉलिंग करने के लिए प्रेरित किया। हालांकि उस समय उनकी इस रणनीति की आलोचना हुई, लेकिन इसके के लिए उनकी टीम के पास मजबूत तर्क था कि कमजोर टीम के साथ अगर आप चैंपियन खिलाड़ियों के खिलाफ खेल रहे हैं तो आपको कुछ अलग करना ही होगा। इस दौरे पर इंग्लैंड भारत के खिलाफ टेस्ट सिरीज ड्रॉ करवाने में सफल रहा था।

डंकन के कोच बनाने के फैसले की आलोचना भी हो रही है। कुछ जानकारों का कहना है कि 62 साल की उम्र में डंकन टीम को क्या नया दे सकते हैं? डंकन उस समय टीम से जुड़े हैं, जबकि वह टेस्ट रैटिंग में नंबर वन और और वनडे क्रिकेट में विश्व विजेता है। ऐसे में डंकन के लिए चुनौतियां और भी बढ़ जाती हैं।

ऐसा भी नहीं है कि डंकन को कोच बनाने का फैसला एक तरफा रहा हो। सूत्रों के अनुसार डंकन को कोच बनाने से पहले भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और अन्य सीनियर खिलाड़ियों की राय ली गई है। टीम इंडिया ने गैरी कस्टर्न की मौजूदगी में विदेशी पिचों पर खेलने के बारे में काफी कुछ सीखा और अब बारी डंकन के अनुभव से सीखने की है।

डंकन क्रिकेट के बैसिक्स पर बहुत जोर देते हैं और साथ ही उन्हें अनुशासन पसंद है। डंकन भारतीय टीम के लिए एक अच्छे कोच साबित हो सकते हैं और उनके होने से बड़ा फायदा यह होगा कि टी 20 क्रिकेट के रंग में रंग चुके युवा खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट की बारिकियां सीखने को मिलेंगी।

डंकन फ्लेचर को जानिए

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi