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तीन ओवर पहले ही उछल पड़े थे कंगारू

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ब्रिजटाउन (भाषा) , सोमवार, 4 जून 2007 (06:09 IST)
ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच केनसिंग्टन ओवल मैदान पर खेला गया फाइनल सुनहरी यादों के साथ उस नाटकीयता के लिए जाना जाएगा, जिसके कारण ऑस्ट्रेलियाई टीम ने समय से पहले ही जश्न मनाना शुरू कर दिया था।

डकवर्थ-लुईस पद्वति के कारण एक बार फिर खिलाड़ी असमंजस की स्थिति में रहे। श्रीलंकाई पारी के बीच में जब खेल रोका गया तो किसी खिलाड़ी को पता नहीं था कि आखिर उनके सामने लक्ष्य क्या है।

यहाँ तक कि कप्तान माहेला जयवर्द्धने इसकी जानकारी हासिल करने की कोशिश भी करते रहे। बाद में उन्हें बताया गया कि उनकी टीम को 38 नहीं बल्कि 36 ओवर में लक्ष्य तक पहुँचना होगा। विश्व कप फाइनल 2007 के मुख्य अंश इस प्रकार हैं -

* ऑस्ट्रेलियाई टीम की जीत के जश्न की शुरूआत अजीबोगरीब तरीके से हुई। श्रीलंकाई पारी के 33 ओवर पूरे होने पर अंपायर स्टीव बकनर और अलीम डार ने खराब रोशनी के चलते मैच रोक दिया। इस बीच कंगारू टीम ने जीत का जश्न शुरू कर दिया। वे जब एक-दूसरे को गले मिलकर बधाई दे रहे थे, तभी डार ने उन्हें बताया कि मैच अभी खत्म नहीं हुआ है।

* डार जब यह जानकारी ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग को दे रहे थे उस वक्त पीछे पुरस्कार समारोह की तैयारियाँ शुरू हो चुकी थी और इलेक्ट्रानिक स्क्रीन ऑस्ट्रेलिया को लगातार तीसरी बार विश्व कप जीतने की बधाई दे रही थी। खेल दोबारा शुरू हुआ तो अगले तीन ओवर में रोशनी का आलम यह था कि स्टम्प पर लगे कैमरे को अंधेरे के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा था।

* इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई पारी के 37वें ओवर की तीसरी गेंद को अम्पायर अलीम डार बल्लेबाज माइकल क्लार्क के विकेट पर दौड़ने के चलते 'डेड' करार दिया। इससे पहले दूसरे अम्पायर स्टीव अम्पायर पोंटिंग को इसी गलती के लिए चेतावनी भी दे चुके थे। कंगारू बल्लेबाजों की इस हरकत पर श्रीलंकाई कप्तान माहेला जयवर्द्धने खासे नाराज नजर आए।

* डार के साथ इस मैच में अम्पायरिंग का जिम्मा संभाला वेस्टइंडीज के स्टीव बकनर ने, जो लगातार पाँचवे विश्व कप फाइनल में खड़े होकर नया इतिहास रच गए। वर्ष 1992 1996 1999, 2003, 2007। इन सभी विश्व कप में बकनर खिताबी भिड़ंत के गवाह रहे। अलीम डार का यह पहला विश्व कप था।

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