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दबाव झेलने वाली टीम ही जीतेगी-धोनी

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, शनिवार, 22 जनवरी 2011 (20:41 IST)
टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार को कहा कि यहाँ रविवार को होने वाले पाँचवें और आखिरी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में जो टीम मानसिक मजबूती के साथ ज्यादा दबाव झेलने में सक्षम रहेगी। वही सिरीज फतह कर सकेगी।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुक्रवार को चौथा मैच हारने के बाद शनिवार को यहाँ पहुँचे धोनी ने कहा, जो टीम दबाव झेलने में ज्यादा कामयाब रहेगी जीत उसी की होगी। धोनी ने कहा कि दोनों टीमों में से किसी को कमतर नहीं माना जा सकता है। दोनों ही टीमों की कमजोरी मध्यक्रम की नाकामी है। उन्होंने कहा कि भारत ने चौथे वनडे में प्रतिद्वंद्वी टीम के बल्लेबाजों को बड़ा स्कोर खड़ा करने से रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन हालात ने उसका साथ नहीं दिया।

वर्षा बाधित मैच में भारत को शुक्रवार रात चौथे वनडे में दक्षिण अफ्रीका के हाथों डकवर्थ लुइस पद्धति के आधार 48 रन से हार का सामना करना पड़ा। इस जीत के साथ ही दोनों टीमें पाँच मैचों की इस सिरीज में 2-2 की बराबरी पर पहुँच गई हैं। इससे पहले भारत ने पहला मैच हारने के जबर्दस्त वापसी करते हुए दूसरा और तीसरा मैच जीत लिया था।

धोनी ने कहा कि हमने सिरीज में अच्छा प्रदर्शन किया है। हमने सभी मैचों में अच्छी गेंदबाजी की है। फील्डिंग भी ठीक ठाक रही है। हमारा आक्रमण बढ़िया रहा है। हम बेसब्री से पाँचवें मैच का इंतजार कर रहे हैं। यह सिरीज बेहद प्रतिस्पर्धी रही है। दोनों टीमें दो माह से लगातार परिश्रम कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि पोर्ट एलिजाबेथ में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज बहुत तेजी से रन बना रहे थे। मैं मैच के दौरान सोच रहा था कि यदि वे पूरे 50 ओवर खेलते हैं तो वे बड़ा स्कोर खड़ा कर देंगे और यही हुआ।

कप्तान ने कहा कि मैंने तेज गेंदबाजों, स्पिनरों और पार्ट टाइमरों सभी को आजमाया लेकिन चीजें हमारे हिसाब से नहीं हुईं। हमें उन्हें 240 के आसपास रोक देना चाहिए था। धोनी ने विपरीत हालात में भी 92 गेंदों में नाबाद 87 रन बनाने वाले विराट कोहली की प्रशंसा करते हुए कहा कि चाहे हम मैच न जीत पाए हों लेकिन विराट ने शानदार पारी खेली।

उन्होंने कहा कि विराट ने अच्छा खेल दिखाया। वह तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे और अंत तक क्रीज पर टिके रहे। लेकिन हमारे मध्यक्रम के बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके और ज्यादा देर नहीं टिक सके।

धोनी ने माना कि डकवर्थ लुइस पद्धति में दूसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाली टीम के लिए जीतना मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि हम यह सोच कर खेल रहे थे कि हमें शुरू में संभल कर खेलना है और विकेट गँवाने से बचना है, लेकिन जब डकवर्थ लुइस पद्धति लागू हुई तो हमारे लिए जीत मुश्किल हो गई। (भाषा)

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