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द्रविड़ को भरनी होगी दीवार

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हमें फॉलो करें टीम इंडिया राहुल द्रविड़ खराब प्रदर्शन
नई दिल्ली (वार्ता) , सोमवार, 15 अक्टूबर 2007 (16:52 IST)
सौरव गांगुली को खराब फॉर्म के चलते 'टीम इंडिया' से बाहर कर दिया गया था। सचिन तेंडुलकर जैसे मास्टर ब्लास्टर पर भी कई बार अंगुलियाँ उठीं और अब भारतीय टीम के श्रीमान भरोसेमंद राहुल द्रविड़ अपने लगातार खराब प्रदर्शन के कारण आलोचनाओं के घेरे में आ गए है।

द्रविड़ ने इंग्लैंड के सफल दौरे के बावजूद अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए कप्तानी छोड़ दी थी, लेकिन लगता है कि कप्तानी छोड़ना उन्हें रास नहीं आ रहा है और उनकी फॉर्म में ज्यादा गिरावट आ गई है।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा एक दिवसीय श्रृंखला में वे बिल्कुल फ्लाप साबित हुए हैं, जिससे भारत का मध्यक्रम कमजोर हुआ है। उसका नतीजा है कि टीम इंडिया श्रृंखला में छह मैचों के बाद 1-4 से पिछड़ चुकी है और श्रृंखला गँवा चुकी है।

दुनिया में तकनीकी रूप से सबसे ज्यादा मजबूत समझे जाने वाले द्रविड़ के साथ कॅरियर में यह कोई पहला मौका नहीं है कि जब उन्हें ऐसे खराब दौरे से गुजरना पड़ा है। वे पहले भी ऐसे दौर से गुजरे थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने जोरदार वापसी की थी।

वनडे क्रिकेट में 333 मैचों में 39.49 के औसत से 10585 रन बना चुके द्रविड़ ने अपने 12 एक दिवसीय शतकों में से आखिरी शतक मई 2006 में किंग्सटन में वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया गया था, लेकिन उस मैच विजयी पारी के बाद अचानक ही उनकी फॉर्म में गिरावट आ गई थी और अगली दस पारियों में वह 11, 0, 15, 18 नाबाद 9, 26, 6, 0, 7 और 4 रन ही बना पाए थे।

अपनी कप्तानी के दौरान मिली इन लगातार विफलताओं से द्रविड़ विचलित जरूर हुए थे, लेकिन उन पर ज्यादा अंगुलियाँ नहीं उठी थीं क्योंकि वे उस समय कप्तान थे और उन्हें कप्तानी संभाले हुए अधिक अरसा भी नहीं हुआ था।

लेकिन द्रविड़ इस खराब दौर के बाद संभले और फिर उन्होंने कई अच्छी पारियाँ लगातार खेलीं। उसके बाद अगली दस पारियों में द्रविड़ ने 49, 52, 18, 63, नाबाद 54, 22, 57, 75 पाँच और 66 रन बनाए। इन दस पारियों में उनके छह अर्धशतक थ।

इस वर्ष मार्च-अप्रैल में वेस्टइंडीज में हुए विश्वकप में द्रविड़ की कप्तानी में भारतीय टीम पहले दौर में ही बाहर हो गई थी। द्रविड़ विश्वकप के पहले दौर के तीन मैचों में 14 नाबाद, सात और 60 रन बनाए पाए थे। विश्वकप के बाद बांग्लादेश दौरे में द्रविड़ ने 22 और नाबाद 42 रन बनाए थे।

इसके बाद आयरलैंड-इंग्लैंड के लम्बे दौरे के शुरुआती मैचों में द्रविड़ का प्रदर्शन अच्छा रहा था, लेकिन इसके बाद उनकी बल्लेबाजी में गिरावट आनी शुरू हो गई।

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