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धोनी की कप्तानी पर सौरव गांगुली 'आग बबूला' हुए

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नई दिल्ली , बुधवार, 19 फ़रवरी 2014 (22:46 IST)
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नई दिल्ली। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने जिस तरह विदेशी धरती पर शर्मनाक हार झेली है, उससे पूर्व कप्तान सौरव गांगुली काफी 'आग बबूला' हो रहे हैं। गांगुली ने भारत की न्यूजीलैंड के हाथों शर्मनाक हार के बाद धोनी की टेस्ट कप्तानी की कड़ी आलोचना करते हुए उनके नेतृत्व को ‘अप्रिय’ करार दिया।

भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक गांगुली ने कहा कि यदि 50 ओवरों का विश्वकप अगले साल नहीं होता तो फिर वह धोनी को कप्तानी से हटाने की मांग करते। गांगुली ने कहा, ‘उसकी (धोनी की) टेस्ट कप्तानी निंदनीय है लेकिन अब कप्तान बदलने से टीम अस्थिर हो जाएगी। टेस्ट क्रिकेट में उसका स्थान खतरे में नहीं है लेकिन धोनी को विदेशों के अपने रिकॉर्ड में सुधार करने की जरूरत है।

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उन्होंने ‘हेडलाइन्स टुडे’ से कहा, ‘यदि विश्वकप एक साल बाद नहीं होना होता तो मैं इस बात पर सहमति जताता कि धोनी को कप्तान पद से हटा देना चाहिए।'

भारत ने न्यूजीलैंड से दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला 0-1 से गंवाई, जो विदेशों में उसकी लगातार चौथी हार है। भारत विदेशों में पिछले 12 टेस्ट मैचों में से दस हार चुका है जबकि बाकी दो मैच ड्रॉ रहे। धोनी की पहले दक्षिण अफ्रीका और अब न्यूजीलैंड में महत्वपूर्ण अवसरों पर रक्षात्मक रणनीति अपनाने से भारतीय कप्तान के रूप में ख्याति पर दाग लग गया है।

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एक अन्य पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने भी स्वीकार किया कि धोनी रक्षात्मक कप्तान है और कहा कि यदि वह विदेशों में टेस्ट मैच जीतना चाहता है तो उसे जोखिम लेने होंगे।

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि धोनी को अपने गेंदबाजी आक्रमण पर उतना विश्वास नहीं है, जितना होना चाहिए था। मैंने देखा कि यहां तक कि डरबन टेस्ट में उन्होंने 146 ओवर तक नई गेंद नहीं ली थी। असल में उन्हें नई गेंद लेने के लिए मजबूर किया गया। उन्हें अपने तेज गेंदबाजों पर विश्वास नहीं है कि वह विकेट ले सके।

द्रविड़ ने कहा वह पुरानी गेंद लेकर इसलिए खेलता रहा क्योंकि वह रनों पर अंकुश लगाना चाहते थे, इसलिए मुझे लगता है कि यह रक्षात्मक मानसिकता है। द्रविड़ ने हालांकि इसके साथ ही कहा कि धोनी की टेस्ट कप्तानी का आकलन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद किया जाना चाहिए जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में अगले साल फरवरी-मार्च में विश्वकप होना है।

उन्होंने कहा कि मैं भारतीय क्रिकेट के लिए इस साल विदेश के इन चार दौरों को महत्वपूर्ण मान रहा था। इनमें दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया शामिल है और फिर अगले साल ऑस्ट्रेलिया में विश्वकप होना है। यह मान लें कि धोनी भारत के वनडे कप्तान बने रहेंगे और विश्व कप में टीम की अगुवाई करेंगे। मेरा मानना है कि उन्हें इसका पूरा अधिकार है।

उन्होंने कहा, ‘और मेरा मानना है कि उसे इस साल खेलने का पूरा अधिकार है तथा ऑस्ट्रेलियाई दौरे के बाद उसकी कप्तानी का आकलन किया जाना चाहिए। उस श्रृंखला के बाद हमें पता चल जाएगा कि भारतीय क्रिकेट तथा क्रिकेटर और कप्तान के रूप में धोनी किस मुकाम पर खड़े हैं।’ (भाषा/वेबदुनिया)

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