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धोनी के धुरंधरों ने तोड़े कई तिलिस्म

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हमें फॉलो करें महेन्द्र सिंह धोनी
करिश्माई कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी की अगुआई में भारतीय क्रिकेट टीम बीते बरस कामयाबी की नित नई दास्तान लिखते हुए विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया के सिंहासन के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरी। सचिन बने टेस्ट में भी बेस्ट, सौरव गांगुली और अनिल कुंबले ने क्रिकेट को कहा अलविदा।

इंडियन प्रीमियर लीग के रूप में तमाशाई ट्वेंटी-20 क्रिकेट के एक नए युग का सूत्रपात भी इसी साल हुआ, जिसने विश्व क्रिकेट का चेहरा बदल दिया।

आतंकवाद का साया क्रिकेट पर पड़ा जब मुंबई हमले के बाद इंग्लैंड की टीम वनडे श्रृंखला बीच में ही रद्द करके लौट गई। बाद में टेस्ट श्रृंखला खेलने वह लौटी जरूर। हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े होने के कारण टीम इंडिया का जनवरी फरवरी में होने वाला सरहद पार का दौरा भी रद्द हो गया।

टीम इंडिया की उपलब्धियाँ इस साल ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट जीतना, श्रीलंका को पहली बार उसकी धरती पर वनडे श्रृंखला में हराना घरेलू टेस्ट श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया का और वनडे में इंग्लैंड का सूपड़ा साफ करना रही। ब्रायन लारा का रिकॉर्ड तोड़कर टेस्ट क्रिकेट में 12000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने सचिन तेंडुलकर ने भी इस वर्ष को यादगार बना दिया।

भारत के सफलतम कप्तानों में शुमार गांगुली और परफेक्ट लेग स्पिनर कुंबले ने इसी साल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। वहीं ईशांत शर्मा जैसा तेज गेंदबाज इस साल भारतीय क्रिकेट की खोज रहा।

आईपीएल ने बॉलीवुड और क्रिकेट का समागम देखा। शाहरुख खान और प्रीति जिंटा जैसे सितारों ने सरे बाजार लगी बोली में दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों को खरीदा। सबसे महँगे बिके धोनी। खिताब गया सिताराहीन शेन ॉर्न की राजस्थान ॉयल्स टीम की झोली में।

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिडनी टेस्ट में हरभजनसिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच नस्लवादी टिप्पणी को लेकर विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि बीसीसीआई ने दौरा रद्द करने की धमकी दे डाली। बाद में हरभजन को क्लीन चिट मिली लेकिन तेंडुलकर जैसे खिलाड़ी को हस्तक्षेप करना पड़ा। आईपीएल के दौरान हरभजन फिर विवाद में पड़े, जब उन्होंने टीम इंडिया के अपने साथी एस श्रीसंथ को तमाचा जड़ दिया।

टीम इंडिया ने इस साल 15 टेस्ट खेलकर छह जीते और चार में उसे पराजय का सामना करना पड़ा। शुरुआत दिसंबर जनवरी में ऑस्ट्रेलिया दौरे से हुई जहाँ उसे चार टेस्ट त्रिकोणीय सीबी श्रृंखला और एक ट्वेंटी-20 मैच खेलना था।

मेलबर्न और सिडनी में शुरूआती दो टेस्ट हारने के बाद पर्थ में ऐतिहासिक जीत दर्ज करके टीम इंडिया ने सात साल में दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया के 16 टेस्ट के अश्वमेधी अभियान में नकेल कसी। आखिरी टेस्ट ड्रॉ रहा और ऑस्ट्रेलिया ने श्रृंखला 2-। से जीत ली, लेकिन ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर हराने वाली टीम इंडिया के हौसले बुलंद थे। इस श्रृंखला में सिडनी टेस्ट हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच नस्लवादी छींटाकशी के कारण सुर्खियों में रहा।

श्रीलंका और मेजबान के खिलाफ सीबी श्रृंखला में धोनी के धुरंधरों ने शानदार जीत दर्ज करके अपने तेवर जाहिर कर दिए। दक्षिण अफ्रीकी टीम मार्च अप्रैल में तीन टेस्ट खेलने भारत आई। चेन्नई में पहले टेस्ट में 319 रन बनाकर वीरेन्द्र सहवाग टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरे शतक जड़ने वाले डॉन ब्रैडमेन और ब्रायन लारा के बाद तीसरे बल्लेबाज हो गए। पहला टेस्ट ड्रॉ रहा और अहमदाबाद में दूसरा टेस्ट मेहमान टीम ने जीता।

कानपुर टेस्ट में चोटिल अनिल कुंबले की जगह धोनी ने कमान संभाली और अपनी कप्तानी में पहले टेस्ट में भारत को जीत दिलाकर श्रृंखला 1-1 से बराबर की। ढाका में तीन देशों के किटप्लाय कप एक दिवसीय टूर्नामेंट में पाकिस्तान ने उसे हराकर खिताब जीता।

इस बीच 25 जून 2008 को भारतीय क्रिकेट टीम की विश्व कप 1983 की खिताबी जीत का जश्न देशभर में मना। कपिल देव की टीम को भारत से लेकर ॉर्ड्स तक सम्मानित किया गया और देश ने उस ऐतिहासिक पल को फिर जिया।

इसी दिन धोनी की टीम ने पाकिस्तान में एशिया कप का पहला मैच खेला और हांगकांग जैसी अदना टीम को रौंदा। भारतीय बल्लेबाज इस टूर्नामेंट में जबरदस्त फार्म में थे, लेकिन फाइनल में श्रीलंका के रहस्यमयी गेंदबाज अजंता मेंडिस ने उन्हें फिरकी के जाल में बाँध दिया।

श्रीलंका में जुलाई के आखिर में तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला से धोनी ने ब्रेक लिया तो इसकी काफी आलोचना हुई। मेंडिस और मुरली की फिरकी ने फिर कमाल दिखाया और टेस्ट श्रृंखला श्रीलंका के नाम रही। इसके ठीक बाद वनडे श्रृंखला में जीत दर्ज करके भारतीय टीम ने इतिहास रचा। धोनी मैन ऑफ द सीरिज रहे और आईसीसी वनडे रैंकिंग में शिखर पर पहुँचने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने।

अक्टूबर नवंबर में ऑस्ट्रेलियाई टीम चार टेस्ट मैच खेलने भारत आई। बेंगलुरु में ड्रॉ रहे पहले टेस्ट में जहीर खान ने हरफनमौला प्रदर्शन किया। मोहाली में दूसरा टेस्ट 320 रन से जीतकर भारत ने रिकी पोंटिंग एंड कंपनी की नींदे उड़ा दी। इसी मैच के दौरान सचिन टेस्ट क्रिकेट में 12000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने। अपनी आखिरी श्रृंखला खेल रहे गांगुली ने इस मैच में सैकड़ा जड़ा।

दिल्ली में तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा लेकिन इसके आखिर में कुंबले ने संन्यास का ऐलान करके सनसनी फैला दी। नागपुर टेस्ट 172 रन से जीतकर भारत ने ऑस्ट्रेलियाई टीम का सूपड़ा साफ कर दिया। तेज गेंदबाज इशांत शर्मा 15 विकेट लेकर 'मैन ऑफ द सिरीज' रहे।

ऑस्ट्रेलिया के सफाए के बाद बारी इंग्लैंड की थी। सात वनडे मैचों की श्रृंखला के पहले पाँच मैच में टीम इंडिया विजयी रही। मुंबई में आतंकवादी हमले के बाद इंग्लैंड टीम आखिरी दो मैच रद्द करके स्वदेश लौट गई। बाद में टेस्ट श्रृंखला खेलने लौटी केविन पीटरसन की टीम को पहले मैच में पराजय का सामना करना पड़ा, जबकि दूसरा मैच ड्रॉ रहा।

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