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नागपुर टेस्ट में भारत की राह मुश्किल

पड़ सकता है गंभीर के प्रतिबंध का असर

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गौतम गंभीर पर प्रतिबंध लगने के कारण बैकफुट पर पहुँची भारतीय टीम कुछ शीर्ष बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन और नई सलामी जोड़ी के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुरुवार से शुरू होने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में जीत दर्ज करके बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम करने के लिए मजबूत इरादों के साथ मैदान पर उतरेगी।

गंभीर की अनुपस्थिति का मतलब है कि टीम इंडिया को इस महत्वपूर्ण मैच में वीरेंद्र सहवाग के साथ तमिलनाडु के 24 वर्षीय एम. विजय के रूप में नया ओपनर उतारना होगा, जिनका ये पहला टेस्ट मैच भी होगा।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अपीली आयुक्त जस्टिस एलबी साच ने कल एक विवादास्पद फैसले में गंभीर की सुनवाई किए बिना उन पर एक टेस्ट मैच का प्रतिबंध बरकरार रखा, जिसे भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने ये कहते हुए स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि इससे प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लघंन हुआ है।

इस श्रृंखला में अभी तक गंभीर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के लिए दु:स्वप्न बने हुए हैं, जिन्होंने एक शतक और एक दोहरा शतक जड़कर 77 रन से ज्यादा के औसत से 463 रन बनाए हैं। वे अभी तक श्रृंखला में शीर्ष स्कोरर भी बने हुए हैं।

जस्टिस साच के इस फैसले से भारत की इस अहम टेस्ट को जीतने और ड्रॉ कराने की उम्मीदों को करारा झटका लगा है, जो जामथा में विदर्भ क्रिकेट संघ के नवनिर्मित स्टेडियम की पिच पर खेला जाएगा, जिस पर अभी तक एक मैच भी नहीं हुआ है।

दिल्ली के इस बल्लेबाज की श्रृंखला में फॉर्म से ऑस्ट्रेलियाई टीम इतनी परेशान हो गई कि माइकल हसी ने भी कल कहा कि अगर गंभीर खेलने में असफल रहते हैं तो उनकी टीम काफी खुश होगी।

इस मैच में सबका ध्यान सौरव गांगुली पर भी होगा, जो अपना अंतिम टेस्ट खेलेंगे और भारतीय खिलाड़ियों को सतर्कता बरतनी चाहिए कि इस मौके पर उनका ध्यान कहीं भंग न हो जाए।

चयनकर्ताओं ने गंभीर की जगह सलामी बल्लेबाज एम विजय को शामिल किया है जो एक नया चेहरा हैं जिन्हें घरेलू क्रिकेट के मैच से सीधे ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कड़े मुकाबले में खिलाया जा रहा है। कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने संकेत दिया है कि विजय मैच खेलेंगे और इसका मतलब है कि भारतीय थिंक टैंक विशेषज्ञ स्थानों के साथ प्रयोग करने का इच्छुक नहीं है।

टीम के लिए एक अन्य विकल्प राहुल द्रविड़ को फिर से पारी के आगाज के लिए बुलाना हो सकता है क्योंकि बीते समय में भी वह इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा चुके हैं और उन्हें इसमें 2006 में हुए पाकिस्तान दौरे पर काफी सफलता भी मिली थी जिसमें वह टीम के कप्तान थी थे।

लेकिन द्रविड़ अब पुरानी दीवार्रं जैसे नहीं नहीं रह गए हैं जिसे तोड़ना काफी मुश्किल हुआ करता था। इस श्रृंखला की पाँच पारियों में उन्होंने केवल 117 रन ही जोड़े हैं।

द्रविड़ भारतीय टीम को मजबूत शुरूआत दिलाने की इस अहम जिम्मेदारी को उठाने के लिए शायद दिमागी तौर पर तैयार नहीं होंगे जिससे सचिन तेंडुलकर, गांगुली और 100वाँ टेस्ट खेलने वाले वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गजों की मौजूदगी में मध्यक्रम के लिए चीजें आसान हो सकें।

मेजबान टीम गंभीर की अनुपस्थिति के अलावा सर्वाधिक विकेट हासिल करने वाले अपने कप्तान अनिल कुंबले के संन्यास का आघात भी झेल रही है जिन्होंने दिल्ली में हुए ड्रॉ टेस्ट टेस्ट के अंत में यह घोषणा की थी।

वहीं गांगुली भी इस टेस्ट के बाद संन्यास ले लेंगे जिससे मोहाली में श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बनाने के बावजूद भारतीय टीम के खिलाड़ियों के लिए ध्यान केंद्रित करके लय को बरकरार रखना एक कठिन काम होगा।

फिर भी आक्रामक धोनी टीम की मौजूदगी में टीम अच्छा करने की क्षमता रखती है। हालाँकि भारत ने हाल में इस शहर में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है उसे चार साल पहले यहाँ हार का स्वाद चखना पड़ा था जिसमें उसने पुराने वीसीए स्टेडियम की घसियाली विकेट पर ऑस्ट्रेलियाके खिलाफ ही श्रृंखला में शिकस्त का सामना करना किया था।

वहीं भारतीय टीम के लिए सकारात्मक बात यह है कि उसके गेंदबाजी आक्रमण में कुंबले को छोड़कर कोई बड़ा फेरबदल नहीं हुआ है और उनकी जगह अमित मिश्रा को मौका मिलेगा जो लगातार अपना तीसरा टेस्ट मैच खेलेंगे। वहीं फिट हरभजनसिंह भी अपना 300वाँ विकेट पूरा करने से केवल एक शिकार दूर हैं। यह वही संयोजन हैं, जिसने मोहाली में विशाल अंतर से ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त दी थी।

फिरोजशाह कोटला में दूसरी पारी में ब्रेट ली में भी वही पुरानी लय और तेजी दिखायी दी थी जो पिछले दो टेस्ट मैचों नदारद रही थी। ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए यह भी एक सकारात्मक पक्ष होगा। मेहमान टीम यही रणनीति बनाने की कोशिश कर रही होगी कि वे अपनी गेंदबाजी इकाई से किस तरह 20 विकेट चटकाकर यह महत्वपूर्ण टेस्ट अपने नाम करें।

ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि लेग स्पिनर कैमरून व्हाइट की जगह ऑफ स्पिनर जेसन क्रेजा टीम में शामिल होंगे। इस नई पिच पर टॉस के अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है क्योंकि मैदान की परिस्थितियाँ दोनों टीमों के लिए नई होंगी।

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