भारत ने चौथे वनडे में अपने टॉप क्रम की एक बार फिर नाकामयाबी के कारण पोर्ट एलिजाबेथ में ही इतिहास बनाने का मौका गँवा दिया था, लेकिन सेंचुरियन में रविवार को होने वाले पाँचवें और निर्णायक वनडे में टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका की जमीन पर पहली बार वनडे सिरीज जीतने का इतिहास बनाने के लक्ष्य के साथ उतरेगी।
भारत ने दूसरा और तीसरा वनडे जीतकर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2-1 की बढ़त बना ली थी लेकिन चौथे वनडे में दक्षिण अफ्रीका ने अपने पाँच विकेट 118 रन पर गँवाने की नाजुक स्थिति से उबरते हुए पहले 265 रन का स्कोर खड़ा किया और फिर भारत को 142 रन पर रोककर डकवर्थ लुइस नियम के आधार पर मैच 48 रन से जीत लिया।
सिरीज में 2-2 की बराबरी हो चुकी है और अब दोनों टीमें निर्णायक जंग के लिए तैयार हो चुकी हैं। हालाँकि चौथे और पाँचवें वनडे के बीच दोनों टीमों को सिर्फ एक दिन का अंतराल मिला है जो इन दोनों दिग्गज टीमों के बीच अब तक हुए जबरदस्त मुकाबलों को देखते हुए सही नहीं कहा जा सकता। कम से कम दो वनडे के बीच दो दिन का अंतराल तो होना ही चाहिए ताकि खिलाड़ी अपनी ऊर्जा वापस हासिल कर सके।
भारत को एक बार फिर अपने शीर्ष क्रम की नाकामयाबी का नुकसान उठाना पड़ा। भारत ने चौथे वनडे में ओपनिंग में परिवर्तन करते हुए मुरली विजय के स्थान पर पार्थिव पटेल को शामिल किया था। लेकिन ओपनिंग में पार्थिव और रोहित शर्मा भारत को अच्छी शुरुआत नहीं दे पाए। लगता है कि विश्वकप टीम में जगह न मिल पाने से प्रतिभाशाली युवा बल्लेबाज रोहित का आत्मविश्वास कहीं लड़खड़ा गया है।
अब तक चार मैचों में भारत को एक मैच में भी ठोस शुरुआत नहीं मिल पाई है। ओपनरों की बात क्या की जाए शीर्षक्रम के सभी बल्लेबाज एक इकाई के रूप में योगदान देने में नाकाम रहे हैं। कभी किसी मैच में युवराज सिंह चले तो किसी मैच में यूसुफ पठान। विराट कोहली चौथे मैच में अच्छा खेले लेकिन भारत के टाप पाँच बल्लेबाज अभी तक इस सिरीज में एक साथ क्लिक नहीं कर पाए।
सुरेश रैना हर मैच में अच्छी शुरुआत करते हैं लेकिन फिर जल्द ही आउट होकर पवेलियन लौट जाते हैं। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी अपनी रंगत में नहीं हैं। शायद कहीं न कहीं वह विश्वकप का दबाव महसूस कर रहे हैं। पठान से हर बार विस्फोटक पारी की उम्मीद नहीं की जा सकती।
जब तक एक ओपनिंग अच्छी साझेदारी नहीं हो पाती तब तक मध्यक्रम के बल्लेबाजों से बड़ा स्कोर खड़ा करने या लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
फाइनल प्रंटियर कहा जा रहा दक्षिण अफ्रीका का दौरा अब आखिरी पायदान पर आ पहुँचा है। टेस्ट सिरीज 1-1 से बराबर करने के बाद ट्वेंटी-20 मैच जीतने वाली टीम इंडिया के पास अब मौका है कि वह चौथे वनडे की गलतियों को पीछे छोड़कर निर्णायक वनडे में न केवल बल्लेबाजी बल्कि गेंदबाजी में भी एक इकाई के रूप में प्रदर्शन करे और दक्षिण अफ्रीका की जमीन पर पहली बार कोई वनडे सिरीज जीतने का अपना सपना पूरा करे।
भारतीय गेंदबाजों को भी कम से कम वह ढिलाई देने से बचना होगा जो उन्होंने चौथे वनडे में दिखाई थी। भारत ने दक्षिण अफ्रीका के पाँच विकेट 118 रन पर गिरा दिए थे, लेकिन इसके बाद भारतीय गेंदबाज दबाव नहीं बना पाए और उन्होंने दक्षिण अफ्रीका को 265 रन का मजबूत स्कोर बनाने का मौका दे दिया।
इस मैच में भारत के चारों नियमित गेंदबाज जहीर खान, मुनाफ पटेल, आशीष नेहरा और हरभजन सिंह कुल 33 ओवर फेंककर सिर्फ एक विकेट ही हासिल कर पाए थे। इन चारों फ्रंटलाइन गेंदबाजों को निर्णायक वनडे में अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप प्रदर्शन करना होगा ताकि दक्षिण अफ्रीका को भारत के खिलाफ अपनी जमीन पर कोई वनडे सिरीज न गँवाने का रिकॉर्ड बरकरार रखने से रोका जा सके।
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ग्रीम स्मिथ और भारतीय कप्तान धोनी चौथे वनडे की समाप्ति के बाद कह चुके हैं कि पाँचवाँ वनडे बेहद रोमांचक होगा और दोनों टीमें इसे जीतने के लिए अपना पूरा जोर लगा देंगी। दोनों ही टीमें चाहेंगी कि जीत के साथ इस सिरीज का समापन करें ताकि 19 फरवरी से भारतीय उपमहाद्वीप में होने वाले विश्वकप के लिए वह ऊँचे मनोबल के साथ उतर सकें। (भाषा)