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पसंद की पिच बनवाना गलत नहीं-धोनी

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हमें फॉलो करें धोनी दक्षिण अफ्रीका कानपुर
कानपुर (वार्ता) , सोमवार, 14 अप्रैल 2008 (16:10 IST)
भारतीय टेस्ट टीम के कार्यवाहक कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी ने भारत की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आज तीसरे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट में आठ विकेट की शानदार जीत के बाद कहा कि अपनी पसंद की पिच बनवाना कोई गलत बात नहीं है और दुनिया के सभी देश ऐसा करते हैं।

कप्तान के रुप में अपने पहले ही टेस्ट में जीत हासिल करने और सिरीज 1-1 से बराबर करने के बाद धोनी ने कहा कि दुनिया की सभी टीमें अपने मुताबिक पिच तैयार करवाती हैं, ‍ताकि मेजबान टीम लाभ की स्थिति में रहे।

ऑस्ट्रेलिया को ही लीजिए वहाँ की पिच तेज गेंदबाजों के अनुकूल बनाई जाती है। दक्षिण्‍ा अफ्रीका में भी तेज पिचें तैयार की जाती हैं। यदि हम अपनी पसंद की स्पिन पिच बनवाते हैं तो मेरा मानना है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

कानपुर टेस्ट में तीन दिन के अंदर ही आठ विकेट से रोमांचक जीत हासिल करने के बारे में धोनी ने कहा कि सोमवार का दिन उन दिनों में से एक था, जब सारी चीजें हमारे अनुकूल जा रही थीं।

हमारे बल्लेबाजों ने खराब पिच पर टीम को बढ़त दिलाई जबकि स्पिनरों तथा तेज गेंदबाजों ने भी अपना काम बखूबी किया। धोनी ने इस जीत का श्रेय गेंदबाजों खासकर स्पिनरों को देते हुए कहा कि हमारी जीत में पूरी टीम के समग्र प्रयास का योगदान रहा। फिर भी गेंदबाजों ने जबरदस्त मेहनत की थी और उसका नतीजा सबके सामने है।

धोनी ने 'मैन ऑफ द मैच' सौरव गांगुली की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इस कठिन पिच पर जीवट भरी पारी खेली और भारत को पहली पारी में अच्छी स्थिति में पहुँचा दिया।

उन्होंने साथ ही अंतिम जोड़ी शांतकुमारन श्रीसंथ और ईशांत शर्मा की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि इन दोनों ने आखिरी विकेट के लिए 47 रन की साझेदारी कर भारत को 60 रन की बढ़त दिलाई जो मैच में अंततः निर्णायक साबित हुई।

धोनी ने खासतौर पर 'मैन ऑफ द सिरीज' हरभजन तथा पार्ट टाइम स्पिनर सहवाग की भी तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने स्पिन की मददगार पिच का फायदा उठाया और दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों पर अपने स्पिन का ऐसा जाल कसा कि वे समर्पण कर गए।

भारतीय कार्यवाहक कप्तान ने मैच समाप्त होने पर सीमा रेखा की तरफ वापस लौट रहे नाबाद बल्लेबाजों गांगुली और द्रविड़ से हाथ मिलाते हुए उन्हें जीत की बधाई दी। गांगुली से तो वह खासतौर पर गले ही मिल बैठे।

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