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पिच से तालमेल बिठाने वाली टीम को फायदा

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हमें फॉलो करें महेन्द्र सिंह धोनी
नई दिल्ली (भाषा) , शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2009 (14:16 IST)
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कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की प्रेरणादायक पारी से बेहतरीन वापसी करने वाली भारतीय टीम को चोटों से आहत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना विजय अभियान जारी रखने और सात मैचों की श्रृंखला में बढ़त बनाने के लिए तीसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय डे-नाइट क्रिकेट मैच में शनिवार को यहाँ फिरोजशाह कोटला की नई नवेली पिच से तालमेल बिठाना होगा, जो हाल में संपन्न हुई चैंपियन्स लीग के दौरान बल्लेबाजों केलिए कब्रगाह बन थी।

भारत ने वड़ोदरा में चार रन की हार के बाद नागपुर में धोनी की 124 रन की धमाकेदार पारी से 99 रन की जोरदार जीत दर्ज की, जिससे खिलाड़ियों के हौसले बुलंद हैं। भारतीय टीम की बल्लेबाजी फिर से काफी मजबूत दिखने लगी है लेकिन कोटला की पिच पर गेंद धीमी और नीचे रहने की पूरी संभावना है और बल्लेबाजों को यहाँ संभलकर खेलना होगा।

ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ियों की चोट, शीर्ष क्रम की असफलता और डेथ ओवरों में गेंदबाजों के लचर प्रदर्शन से चिंतित है और भारत इसका फायदा उठाना चाहेगा। टीम संयोजन में रच बस चुके विकेटकीपर बल्लेबाज टिम पैन का श्रृंखला से बाहर होना उसके लिए करारा झटका है। उनकी जगह ग्राहम मनोउ लेंगे, जिन्हें आते ही मैच खेलना पड़ेगा।

जहाँ तक पिच की बात है तो ऑस्ट्रेलिया चैंपियन्स लीग चैंपियन न्यू साउथ वेल्स के प्रदर्शन से प्रेरणा लेना चाहेगी, जिसने ट्वेंटी टूर्नामेंट में यहाँ अच्छा प्रदर्शन किया था। विकेट पर घास नहीं है और पिछले चार दिन से इस पर रोलिंग की जा रही है। क्यूरेटर विजय बहादुर मिश्रा के अनुसार इस पिच पर 250 रन का लक्ष्य आदर्श होगा।

उन्होंने कहा पिच चैंपियन्स लीग के मैचों की तुलना में थोड़ा तेज खेलेगी। टीमों को मेरी सलाह यही है कि वे 250 रन का लक्ष्य लेकर चलें जो इस तरह की पिच पर आदर्श स्कोर माना जाएगा।

पिच के मिजाज और दिल्ली में रात को पड़ रही ओस को देखते हुए टॉस अहम होगा। ओस के कारण रात में गेंदबाजी करना आसान नहीं होगा लेकिन खेल आगे बढ़ने के साथ पिच पर गेंद अधिक धीमी रहने की संभावना है और कोई भी टीम ऐसी परिस्थितियों में लक्ष्य का पीछा करना पसंद नहीं करेगी।

भारत केलिए अच्छी खबर यह है कि इस महत्वपूर्ण मैच से पहले उसने नागपुर में लगभग हर विभाग में सुधरा हुआ प्रदर्शन करके ऑस्ट्रेलियाई खेमे में कड़ा संदेश पहुँचा दिया और धोनी इसी टीम के साथ यहाँ उतरना चाहेंगे। पिछले मैच के प्रदर्शन को देखकर भारतीय बल्लेबाज फिर से बेहद मजबूत नजर आने लगी है और यदि उसका अच्छा प्रदर्शन जारी रहा तो फिर पोंटिंग की टीम के लिए धोनी और उनकी टीम से पार पाना आसान नहीं होगा।

धोनी की पारी उनके साथियों के लिए प्रेरणा का काम करेगी जबकि वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर अपने घरेलू मैदान पर भी चमकना चाहेंगे। सहवाग ने पहले दोनों मैच में अच्छी शुरुआत की लेकिन वे इसे बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पए। इसकी कमी वे कोटला में पूरा करना चाहेंगे, जहाँ अभी तक तीन वनडे में उन्होंने केवल 70 रन बनए हैं।

चैंपियन्स लीग में कोटला की पिच में रन बनाने के लिए जूझने वाले गंभीर ने लगातार दो अर्धशतक जमाकर साबित कर दिया है कि वह फॉर्म में हैं। वह ठीक एक साल पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में खेली 206 रन की पारी की तरह चमकदार प्रदर्शन करना चाहेंगे।

सचिन तेंडुलकर का पहले दो मैच में असफल रहना भारत के लिए थोड़ी चिंता का विषय हो सकता है लेकिन विश्वास है कि मास्टर ब्लास्टर कोटला में अपने अनुभव को उड़ेलकर फॉर्म में लौटना चाहेंगे।

गेंदबाजी में हरभजन सिंह पहले दो मैचों में काफी महँगे साबित हुए थे लेकिन धोनी को पूरा विश्वास है कि कोटला में यह ऑफ स्पिनर अच्छी वापसी करेगा। ईशांत शर्मा और आशीष नेहरा का यह घरेलू मैदान है और वे दर्शकों की हर माँग को पूरी करने की कोशिश करेंगे लेकिन प्रवीण कुमार के लिए यहाँ की परिस्थितियाँ अधिक अनुकूल हो सकती हैं। जडेजा का अपनी लाइन और लेंथ पर गजब का नियंत्रण और युवराज की कामचलाऊ स्पिन गेंदबाजी भारत के लिए 'प्लस प्वाइंट' है।

दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया की चिंताएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। पैन की अँगुली में फ्रैक्चर हो गया है जबकि ब्रेट ली और जेम्स होप्स चोट के कारण दूसरे वन डे में नहीं खेल पाए थे। ली और होप्स ने आज अभ्यास किया। ली ने पहले छोटे रन-अप से गेंदबाजी की लेकिन बाद में वह अपने पूरे रंग में दिखे और उनका कल के मैच में खेलना तय है।

शेन वॉटसन शीर्ष क्रम में चैंपियन्स ट्रॉफी जैसा जलवा नहीं दिखा पाए हैं। उन्हें कल शॉन मार्श के रूप में नए जोड़ीदार के साथ पारी का आगाज करना पड़ेगा। माइकल हसी ने मध्यक्रम की जिम्मेदारी बखूबी संभालकर ऑस्ट्रेलिया को राहत पहुँचाई लेकिन गेंदबाजी उसके लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।

ली की अनुपस्थिति में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने नागपुर में अंतिम दस ओवर में 108 और वड़ोदरा में आठ ओवर में 84 रन लुटा दिए थे। पोंटिंग जल्द से जल्द इस समस्या को सुलझाना चाहते हैं। देखना है कि ली, पीटर सिडल और नाथन हारिट्ज इस पिच पर खेलने के अनुभव का कितना फायदा उठा पाते हैं।

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