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प्रतिबंध से और समझदार बनेंगे गंभीर-अफरीदी

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कराची (भाषा) , गुरुवार, 6 नवंबर 2008 (14:26 IST)
पाकिस्तान के अनुभवी ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी को लगता है कि गौतम गंभीर पर लगा एक मैच का प्रतिबंध इस भारतीय सलामी बल्लेबाज को अधिक समझदार और सहनशील क्रिकेटर बनाएगा।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार फार्म में चल रहे गंभीर पर नई दिल्ली में हुए तीसरे टेस्ट में ऑलराउंडर शेन वाटसन को कोहनी मारने के कारण मैच रैफरी क्रिस ब्राड और आईसीसी आयुक्त जस्टिस एलबी साच ने एक टेस्ट मैच का प्रतिबंध लगाया था। इसके कारण वे नागपुर में चौथा टेस्ट नहीं खेल रहे हैं।

साच ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड की मैच रैफरी के खिलाफ फैसले की अपील को ठुकराकर गंभीर पर लगे प्रतिबंध को बरकरार रखा था। पिछले साल नवंबर में कानपुर में पाकिस्तान के खिलाफ हुए एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में गंभीर ने अफरीदी को कोहनी मारी थी और इस ऑलराउंडर ने उस घटना को याद करते हुए कहा कि इस भारतीय ने वाटसन के खिलाफ वही चीज दोहराकर गलती की।

अफरीदी ने कहा कि उसने उसी चीज का दोहराव किया जो उसने मेरे साथ रन लेते वक्त किया था। मैं उस समय गेंदबाजी कर रहा था। हमने एक दूसरे को कुछ बातें भी कही थीं। उन्होंने कहा मेरी तरफ दौड़ते हुए वे पीछे मुड़े और कुछ टिप्पणी की और मैंने भी पलटकर इसका जवाब दिया, लेकिन मैच रैफरी ने हमें जुर्माना लगाकर छोड़ दिया और इसके बाद हमने चीजें निपटा दीं और सब कुछ शांत हो गया।

अफरीदी ने कहा कि वे थोड़ा आपा खोने वाले क्रिकेटर हैं और शाब्दिक जंग पसंद करते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि यह प्रतिबंध उन्हें शांत कर देगा और उन्हें समझदार क्रिकेटर बनाएगा जो इस तरह की बेकार की चीजों में नहीं पड़ते।

अफरीदी मानते हैं कि क्रिकेटरों के बीच शब्दों का आदान-प्रदान सामान्य है और जब कड़ी प्रतिस्पर्धा हो तो एक दूसरे के खिलाफ छींटाकशी भी ठीक है, लेकिन उन्होंने कहा कि समझदार खिलाड़ी परिस्थितियों को अपने हाथ से नहीं निकलने देते।
उन्होंने कहा मैंने भी बीते समय में कुछ गलतियाँ की हैं और इनसे सीख ली है। मुझे लगता है कि गंभीर भी सीख जाएँगे।

अफरीदी ने सचिन तेंडुलकर और संन्यास ले चुके भारतीय टेस्ट कप्तान अनिल कुंबले का उदाहरण देते हुए कहा कि विश्व के युवा क्रिकेटरों को मैदान और इसके बाहर अपने व्यवहार के लिए इनसे सीख लेना चाहिए। उन्होंने कहा ये भारत के दो सबसे सफल खिलाड़ी हैं लेकिन उन्होंने कभी अपना आपा नहीं खोया है। प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ उनका व्यवहार हमेशा सामान्य रहा है।

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