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फिर लेंगे भारतीयों की परीक्षा-ऑर्थर

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हमें फॉलो करें दक्षिण अफ्रीका कोच मिकी ऑर्थर कानपुर टेस्ट
अहमदाबाद (वार्ता) , मंगलवार, 8 अप्रैल 2008 (16:48 IST)
अहमदाबाद में भारतीय बल्लेबाजी को ध्वस्त करके दूसरा टेस्ट तीन दिन में जीत लेने के बाद दक्षिण अफ्रीका के कोच मिकी ऑर्थर ने फिर चेतावनी दी है कि कानपुर में तीसरे टेस्ट में भी आक्रामक गेंदबाजी से भारतीयों की कड़ी परीक्षा ली जाएगी।

ऑर्थर ने कहा कि उनके गेंदबाज एक बार फिर भारत की मजबूत बल्लेबाजी लाइन-अप को उखाड़ फेकेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि हम स्पिन के विकल्प के बारे में बुधवार को ग्रीन पार्क की पिच देखने के बाद ही कोई फैसला करेंगे।

कोच के अनुसार यदि भारत तीसरे टेस्ट के लिए टूटने वाली पिच बनवाता है तो वह भारी भूल करेगा क्योंकि दुनिया में कोई बल्लेबाज टूटती पिच पर 150 कि.मी. प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंक रहे हमारे गेंदबाजों का सामना नहीं करना चाहेगा।

ऑर्थर ने कहा कि हमने अपनी तैयारी पुख्ता कर रखी है। यदि भारत टूटने वाली पिच पर जुआ खेलता है, जैसा कि मीडिया रिपोर्टो में कहा जा रहा है तो उसे झटका भी झेलना पड़ सकता है।

हम तब चौथे और पाँचवे दिन असमान उछाल की तलाश में रहेंगे, ताकि हमारे तेज गेंदबाज ऐसी उछाल का फायदा उठा सकें, लेकिन हमने अपने विकल्प अभी बंद नहीं किए हैं। हमारे पास रॉबिन पीटरसन जैसे लेफ्ट आर्म स्पिन के रुप में एक और विकल्प हो सकता है।

ऑर्थर ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि 18 अप्रैल से शुरू होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के कारण भारतीय टीम राह भटक गई है।

उन्होंने कहा कि जब चीजें खराब घटित होती हैं तो मीडिया किसी न किसी पर आरोप लगाता ही है। अगर परिस्थितियाँ भारत के पक्ष में होती तो यह बातें सामने ही नहीं आती। अहमदाबाद में समाप्त हुए दूसरे टेस्ट के बारे में ऑर्थर ने कहा कि मैच के पहले दिन राहुल द्रविड़ का आउट होना टर्निंग प्वाइंट था।

भारत दूसरे टेस्ट की पहली पारी में घरेलू मैदान पर अपने अब तक के दूसरे सबसे कम 76 रन पर सिमट गया था। द्रविड़ तेज गेंदबाज डेल स्टेन की गेंद पर बोल्ड हो गए थे। आर्थर ने कहा कि वह अविश्वसनीय गेंद थी। द्रविड़ का आउट होना काफी महत्वपूर्ण था। द्रविड़ ऐसे बल्लेबाज हैं जो विकेट पर टिकने के बाद विकेट नहीं फेंकते।

उन्होंने इसका उदाहरण कई बार दिया है और जैसे ही उनका विकेट गिरा हमने समझ लिया कि मैच पर हमारी पकड़ मजबूत हो चुकी है। हालाँकि उन्होंने दूसरे टेस्ट में जीत का श्रेय अपने गेंदबाजों की रणनीति को भी दिया, जिन्होंने चेन्नई टेस्ट के बाद इसमें काफी सुधार किया था।

ऑर्थर ने कहा कि हमने जो गलतियाँ चेन्नई में दोहराई थीं, वैसा यहाँ नहीं किया। हम वहाँ स्विंग पर ज्यादा भरोसा कर रहे थे। उस मैच के बाद हमने गेंदबाजों के साथ काफी समय गुजारा।

हमें यह महसूस हुआ कि हमें और ज्यादा आक्रामक होने की जरूरत है। मैंने गेंदबाजों से उन्हें सही लाइन लेंथ पर गेंदबाजी करने को कहा कि हमने शॉर्ट गेंदों से भारतीय बल्लेबाजों को परेशानी में डाला।

ऑर्थर ने कहा कि हमारी योजना थी कि भारतीय बल्लेबाजों को अच्छी गेंदों से मुश्किल में डाला जाए। हम काफी माथापच्ची करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि उन्हें बाहर की गेंद पर गलती करने के लिए मजबूर किया जाए।

हमने फैसला किया कि टीम इंडिया के बल्लेबाजों को क्रीज में जमने का मौका नहीं दिया जाए इसी योजना के तहत हमारे गेंदबाजों ने उन पर बाउंसरों की बौछार कर दी।

आर्थर ने अहमदाबाद की पिच पर भी खुशनुमा आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मोटेरा तो हमारे लिए स्वर्ग के समान था। यह हमारे गेम प्लान के तहत फिट भी रहा। हालाँकि मैं सहायक कोच विंसेट बर्नास को भी इसका पूरा श्रेय देना चाहूँगा, जिन्होंने तेज गेंदबाजों खासतौर पर मखाया नतिनी को यहाँ के लिए अच्छे टिप्स दिए।

उन्होंने कहा कि स्टेन ने पाँच विकेट लिए लेकिन नतिनी ने अपनी बेहतरीन गेंदों से भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाया। नतिनी ने वसीम जाफर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली को जल्दी आउट कर भारत को संकट में डाल दिया था।

उन्होंने कहा कि वास्तव में अगर आप पीछे देखें तो नतिनी चेन्नई टेस्ट के चौथे दिन ही अपने लय में आना शुरू हो गए थे और अहमदाबाद में उन्होंने पूरी लय में गेंदबाजी की।

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