बड़ौदा के पूर्व लेग स्पिनर संजय हजारे को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच छठे एकदिवसीय मैच से अपने अंतरराष्ट्रीय कैरियर का आगाज करना था, लेकिन मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड की पहल पर उन्हें तीसरे मैच में ही मैदानी अंपायर बनने का मौका मिल गया।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने पहले इस मैच के लिए अमीश साहेबा ओर शबीर तारापोर को मैदानी अंपायर घोषित किया था लेकिन मैच से ठीक पहले तारापोर की जगह हजारे को अंपायरिंग का जिम्मा सौंपा गया, जिससे कुछ देर तक असमंजस की स्थिति भी बनी रही।
बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार ब्रॉड ने आईसीसी के नियमों का सहारा लेकर मैच से ठीक पहले यह फैसला किया। उन्होंने कहा कि आईसीसी नियमों के हिसाब से यदि किसी श्रृंखला में चार से अधिक मैच खेले जाने हैं तो रेफरी टीवी अंपायर को मैदानी अंपायर का जिम्मा सौंप सकता है। हजारे को छठे मैच में अंपायरिंग करनी थी लेकिन ब्रॉड ने उन्हें आज ही मौका देने का फैसला किया।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सात मैचों की इस श्रृंखला में आईसीसी अंपायर के तौर मार्क बेनसन को नियुक्त किया गया था लेकिन वे वडोदरा में खेले गए पहले मैच से पूर्व ही बीमार हो गए, जिससे सभी मैचों में दोनों छोर पर भारतीय अंपायर ही खड़े रहे।
इस बीच सूत्रों ने बताया कि श्रृंखला के बाकी मैचों में श्रीलंका के अशोक डि सिल्वा तटस्थ अंपायर की भूमिका निभाएँगे। उन्होंने कहा कि अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि वे मोहाली मैच में पहुँचेंगे या नहीं।