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भारत-ए ने किया खिताब पर कब्जा

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नैरोबी (वार्ता) , बुधवार, 22 अगस्त 2007 (22:31 IST)
यो महेश, इरफान पठान और पज्ञान ओझा की शानदार गेंदबाजी के बाद चेतेश्वर पुजारा (नाबाद 68) और कप्तान मोहम्मद कैफ (नाबाद 59) के तेज तर्रार अर्द्धशतकों की मदद से भारत-ए ने बुधवार को श्रीलंका-ए को वर्षा बाधित फाइनल में नौ विकेट से रौंदकर त्रिकोणीय क्रिकेट टूर्नामेंट जीत लिया।

जिमखाना क्लब मैदान पर खेले गए इस मैच में श्रीलंका-ए को 165 रन पर समटने के बाद भारत-ए ने मात्र एक विकेट के नुकसान पर 25.5 ओवर में 167 रन बनाकर खिताब पर कब्जा कर लिया।

भारत का एकमात्र विकेट सलामी बल्लेबाज प्रवीण कुमार के रूप में 52 रन के स्कोर पर गिरा था। प्रवीण ने 24 गेंदों पर चार चौकों की मदद से 26 रन बनाए थे। प्रवीण के आउट होने के बाद चेतेश्वर पुजारा का साथ देने उतरे कप्तान कैफ ने दूसरे विकेट के लिए नाबाद 115 रन की साझेदारी कर लक्ष्य हासिल कर लिया। पुजारा ने नाबाद 68 और कैफ ने नाबाद 59 रन की पारी खेली।

पुजारा ने 77 गेंदों में 68 रन की अपनी पारी में पाँच चौक्के और कैफ ने 59 गेंदों पर उतने ही रन की पारी में सात चौक्के और एक छक्का लगाया। श्रीलंका-ए की ओर से एकमात्र विकेट वेलेगेदरा को मिला।

इससे पहले भारत-ए के गेंदबाजों ने कप्तान कैफ के पहले क्षेत्ररक्षण करने के फैसले को सही साबित करते हुए 36.2 ओवरों में 165 रन पर ही विपक्षी टीम के सभी दस विकेट झटक लिए। वर्षा के कारण ओवरों की संख्या घटाकर 39-39 कर दी गई थी।

यो महेश ने 3, पठान ने 2 और बाएँ हाथ के स्पिनर ओझा ने 2 विकेट हासिल किए, जबकि मध्यम तेज गेंदबाज पंकजसिंह ने एक बल्लेबाज को आउट किया।

श्रीलंका-ए की ओर से माहेला उदावते (35), बी वार्नपुरा (29) और जी विजेकून (38) को छोड़ कोई दूसरा बल्लेबाज टिककर नहीं खेल सका। श्रीलंका-ए की शुरुआत अच्छी नहीं रही और माइकल परेरा (5) पारी के पाँचवें ओवर में ही पठान की गेंद पर विकेटकीपर पार्थिव पटेल को कैच थमा बैठे। इस समय श्रीलंका-ए का स्कोर मात्र 19 रन था।

ताबड़तोड़ स्ट्रोक्स खेल रहे उदावते भी जल्द ही अपना धैर्य खो बैठे और 35 के निजी स्कोर पर प्रवीण कुमार की गेंद पर बोल्ड आउट हो गए। उदावते ने 27 गेंदों की छोटी पारी में दो चौके और दो छक्के लगाए। इस समय टीम का योग 46 रन था। अभी स्कोर में पाँच रन और जुड़े थे कि चमारा सिल्वा (8) भी पंकजसिंह की गेंद पर कैफ को कैच थमा चलते बने।

इसके बाद वार्नपुरा (29) और विजेकून (38) ने चौथे विकेट के लिए 52 रन की साझेदारी की और यह पारी की सबसे बड़ी साझेदारी रही। दोनों बल्लेबाजों को महेश ने विकेट के पीछे कैच कराया। इसके बाद श्रीलंका-ए के विकेट नियमित अंतराल पर गिरते रहे और पूरी टीम 37वें ओवर में ढेर हो गई।

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