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भारत को पार करनी होगी लंकाई बाधा

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हमें फॉलो करें भारतीय क्रिकेट टीम शेरे बांग्ला स्टेडियम श्रीलंका फाइनल में
मीरपुर , शनिवार, 9 जनवरी 2010 (16:35 IST)
बांग्लादेश पर जीत दर्ज करने के बाद पटरी पर पहुँची भारतीय क्रिकेट टीम को फाइनल में जगह बनाने के लिए रविवार को यहाँ एकदिवसीय त्रिकोणीय श्रृंखला के अपने तीसरे मैच में शीर्ष बल्लेबाजी क्रम के लुढ़कने और खराब गेंदबाजी की समस्या को दूर कर श्रीलंकाई बाधा से पार पाना होगा।

भारत के दो मैचों में एक जीत और एक हार से चार अंक हैं और अब टीम का लक्ष्य कल शेरे बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका को हराकर 13 जनवरी को होने वाले फाइनल में प्रवेश करना है।

श्रीलंकाई टीम शुक्रवार को बांग्लादेश को नौ विकेट से हराकर पहले ही फाइनल में जगह बना चुकी है, जबकि मेजबान टीम ने तीन मैचों में अभी अपना खाता नहीं खोला है।

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भारतीय टीम रविवार को यहाँ जीत दर्ज कर श्रीलंकाई टीम से पाँच जनवरी को मिली पाँच विकेट की हार का बदला चुकता कर सकती है, लेकिन ऐसा करने के लिए उसे अपनी अनिरंतर गेंदबाजी और शीर्ष क्रम बल्लेबाजी की समस्याओं से निपटना होगा।

मैच जल्दी शुरू होने के बावजूद ओस मैच के परिणाम में अहम भूमिका निभा रही है और कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने भी कहा कि अगर टीम को किसी भी लक्ष्य का बचाव करना है तो बड़ा स्कोर निहायती जरूरी है।

श्रीलंकाई टीम के कप्तान कुमार संगकारा ने टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण का फैसला किया और धोनी को बल्लेबाजी का न्यौता दिया, लेकिन भारतीय टीम उनके खिलाफ अपने स्कोर का बचाव नहीं कर पाई। बांग्लादेश के खिलाफ अगले मैच में भी वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की सलामी जोड़ी आक्रामक प्रदर्शन नहीं कर पाई और एक समय टीम ने नौ ओवर के बाद 51 रन के स्कोर पर तीन विकेट गँवा दिए थे।

भारत को अगर श्रीलंका को हराना है तो सहवाग और गंभीर को टीम की मजबूत नींव रखनी होगी। विशेषकर सहवाग को बड़ी पारी खेलनी होगी, क्योंकि उन्होंने अभी तक बांग्लादेश में शतक नहीं जड़ा है, लेकिन टीम के लिए सबसे बड़ी चिंता गेंदबाजी की है, जिस पर खुद धोनी ने चिंता व्यक्त की है।

तेज गेंदबाज जहीर खान ने अभी तक दो मैचों में काफी रन दिए हैं और आमतौर पर निरंतर गेंदबाजी करने वाले आशीष नेहरा भी एस श्रीसंत के साथ महँगे साबित हुए हैं।

हालाँकि ऑफ स्पिनर हरभजनसिंह भी अपने रंग में नहीं दिखे, जबकि उन्होंने पहले मैच में तीन विकेट चटकाए थे। कप्तान धोनी ने अपने मुख्य गेंदबाजों के प्रदर्शन पर निराशा व्यक्त करते हुए उन्हें गेंदबाजी में सुधार करने के लिए कहा था।

धोनी ने बांग्लादेश पर छह विकेट से जीत दर्ज करने के बाद कहा कि एक भी मुख्य गेंदबाज ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। सिर्फ युवराज सिंह ने अच्छी गेंदबाजी की। हम रवींद्र जडेजा को मुख्य गेंदबाज के रूप में नहीं देख सकते, लेकिन उन्होंने बढ़िया गेंदबाजी की।

इस समस्या के बावजूद यह उम्मीद काफी कम है कि धोनी बांग्लादेश के खिलाफ जीत दर्ज करने वाली अंतिम एकादश टीम में कोई बदलाव करेंगे।

वहीं श्रीलंकाई टीम ने यहाँ तीन मैच जीते हैं और टीम महेला जयवर्धने की वापसी से मजबूत होगी, जिन्होंने यहाँ आने के एक दिन बाद बांग्लादेश के खिलाफ शतक जड़ा था। फॉर्म में चल रहे तिलकरत्ने दिलशान के भी अंतिम एकादश में जगह बनाने की उम्मीद है, क्योंकि वे ग्रोइन की चोट से उबर चुके हैं, जो उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ शुरुआती मैच में लगी थी।

तिलन समरवीरा ने भारत के खिलाफ महत्वपूर्ण पारी खेली थी। उपुल थरंगा ने भी बांग्लादेश के खिलाफ शतक जड़ा था और कप्तान कुमार संगकारा भी अच्छी लय में दिख रहे हैं।

श्रीलंकाई शीर्ष क्रम शानदार फॉर्म में है और भारत के जूझते गेंदबाजों के लिए इनसे निपटना कड़ी परीक्षा की तरह होगा।

टीमें इस प्रकार हैं-

भारत- एमएस धोनी (कप्तान), वीरेंद्र सहवाग (उपकप्तान), गौतम गंभीर, विराट कोहली, सुरेश रैना, रोहित शर्मा, रवींद्र जडेजा, हरभजनसिंह, जहीर खान, आशीष नेहरा, युवराजसिंह, सुदीप त्यागी, दिनेश कार्तिक, एस श्रीसंत, अशोक डिंडा और अमित मिश्रा।

श्रीलंका- कुमार संगकारा (कप्तान), तिलकरत्ने दिलशान, महेला जयवर्धने, उपुल थरंगा, तिलन समरवीरा, तिलिना कांदाम्बी, लाहिरू तिहिरमाने, तिथारा परेरा, मलिंगा बंडारा, नुआन कुलाशेखरा, तिलन तुषारा, सूरज रणदीव, सुरंगा लकमल, चनाका वेलेगेडारा, महेला उदावते और दिनेश चंडीमल। (भाषा)

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