भारत ने 15 साल बाद एशिया कप जीता
दाम्बुला , शुक्रवार, 25 जून 2010 (01:04 IST)
दिनेश कार्तिक के जुझारू अर्धशतक और आशीष नेहरा की कातिलाना गेंदबाजी से भारत ने फाइनल में श्रीलंका से हारने के मिथक को तोड़ते हुए अपने इस चिरप्रतिद्वंद्वी को 81 रन से करारी शिकस्त देकर 15 साल बाद एशिया कप अपने नाम किया।भारत पाँचवीं बार एशियाई चैंपियन बना है। उसने इससे पहले 1984, 1988, 1990 और 1995 में खिताब जीता था। इसके बाद वह 1997, 2004 और 2008 में भी इस महाद्वीपीय क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में पहुँचा था, लेकिन तीनों अवसरों पर उसे श्रीलंका के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।महेंद्र सिंह धोनी की टीम आखिर में हार के इस सिलसिले को तोड़ने में सफल रही, जिसमें उसके शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों और तेज गेंदबाजों विशेषकर नेहरा ने अहम भूमिका निभाई। टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिए उतरे भारत ने कार्तिक के 84 गेंद पर 66 रन तथा रोहित शर्मा (41) और धोनी (38) के उपयोगी योगदान से छह विकेट पर 268 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया।श्रीलंका की टीम को पहले ओवर से ही झटके लगने शुरू हो गए और नेहरा ने बीच में केवल छह रन के एवज में चोटी के तीन बल्लेबाज पवेलियन भेजकर उसका स्कोर पाँच विकेट पर 51 रन कर दिया। श्रीलंका इस खराब शुरुआत से नहीं उबर पाया और चमारा कापुगेदारा के नाबाद 55 रन के बावजूद 44.4 ओवर में 187 रन पर ढेर हो गया। नेहरा ने नौ ओवर में 40 रन देकर 4 विकेट लिए जबकि रविंदर जडेजा और जहीर खान को दो-दो विकेट मिले।लेकिन वह नेहरा थे जिन्होंने भारतीयों को जीत की तरफ अग्रसर किया। उन्होंने अपने दूसरे ओवर में अनुभवी माहेला जयवर्धने (11) और ऑलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज (0) को आउट करने के बाद अगले ओवर में कप्तान कुमार संगकारा (17) को भी पैवेलियन की राह दिखाई।जयवर्धने और मैथ्यूज दोनों ने ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर बल्ला अड़ाकर विकेटकीपर धोनी को कैच थमाया जबकि संगकारा ने ऑफ साइड की गेंद को पुल करने के प्रयास में मिड ऑन पर जहीर को हवा में लहराता हुआ कैच थमाया।कापुगेदारा और तिलना कदाम्बी (31) ने छठे विकेट के लिए 53 रन की साझेदारी करके स्थिति संभालने की कोशिश की। कदाम्बी ऐसे समय में दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से रन आउट हो गए। तब कापुगेदारा आगे बढ़ने के बाद पीछे हट गए लेकिन कदाम्बी काफी आगे निकल गए थे। इसके बाद भारत की जीत महज औपचारिकता रह गई थी।इससे पहले भारत की तरफ से गौतम गंभीर को छोड़कर शीर्ष क्रम के सभी बल्लेबाजों ने उपयोगी योगदान दिया। कार्तिक ने अपनी अर्धशतकीय पारी के दौरान गंभीर (15) के साथ पहले विकेट के लिए 38, विराट कोहली (28) के साथ दूसरे विकेट के लिए 52 और कप्तान महेंद्रसिंह धोनी (38) के साथ तीसरे विकेट के लिए 46 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की।श्रीलंकाई गेंदबाजी में अनुशासन की कमी दिखी। पिछले मैच में भारत के खिलाफ हैट्रिक लेने वाले माहरूफने पारी के शुरू में जमकर रन लुटाए। उसका क्षेत्ररक्षण भी सामान्य रहा।भारत ने सातवें ओवर में ही गंभीर का विकेट गँवा दिया। अपना 100वाँ एकदिवसीय मैच खेल रहे बाँए हाथ के इस बल्लेबाज को नुवान कुलशेखरा की लगातार गेंद पर जीवनदान मिला लेकिन वह इसका फायदा उठाने में नाकाम रहे। गंभीर का कैच पहले कदाम्बी ने स्लिप में छोड़ा और बाद में संगकारा ने उन्हें जीवनदान दिया। गंभीर दूसरा रन लेने के प्रयास में रन आउट हो गए।कार्तिक और कोहली जब क्रीज पर थे तब भारत अच्छी स्थिति में दिख रहा था। ऐसे समय में लसिथ मलिंगा ने कोहली को विकेट के पीछे कैच कराकर श्रीलंका को महत्वपूर्ण सफलता दिलाई। कार्तिक ने इसके बाद कामचलाउ स्पिनर कदाम्बी की गेंद पर मिडविकेट में माहेला जयवर्धने को कैच थमाने से पहले धोनी के साथ मिलकर भारतीय पारी संवारी।पिछले 32 मैच में एक भी विकेट नहीं लेने वाले कदाम्बी ने इसके बाद अपनी लेग स्पिन से धोनी को भी पैवेलियन की राह दिखाकर भारत का स्कोर चार विकेट पर 167 रन कर दिया। भारत को कदाम्बी से मिले इन झटकों से रोहित और सुरेश रैना (29) ने उबारा। इन दोनों ने पाँचवें विकेट के लिए 52 गेंद पर 50 रन की साझेदारी की। मलिंगा ने यॉर्कर पर रैना को पगबाधा आउट करके यह साझेदारी तोड़ी। डेथ ओवरों में रोहित के साथ रविंदर जडेजा (नाबाद 25) ने उपयोगी रन जुटाए। श्रीलंका की तरफ से कदाम्बी और मालिंगा ने दो-दो विकेट लिए जबकि कुलशेखरा को एक विकेट मिला। (भाषा)