इंडियन प्रीमियर लीग की प्रेंचाइजी से लुभावनी पेशकश भी शायद इंग्लैंड के कप्तान केविन पीटरसन और ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ की झोली नहीं भर पाएगी क्योंकि खिलाड़ियों को अपनी काउंटी टीमों को स्वयं भुगतान करना पड़ सकता है, जो टीम से उनकी गैरमौजूदगी की भरपाई के लिए मुआवजा माँग रही हैं।
फ्रेंचाइजी के किसी खिलाड़ी को खरीदने पर आईपीएल में मुआवजा देने का कोई नियम नहीं है, लेकिन हैम्पशायर और लंकाशायर ने साफ कर दिया है कि खिलाड़ियों या फ्रेंचाइजी को उन्हें भुगतान करना होगा।
'द गार्डियन' ने पीटरसन की काउंटी हैम्पशायर के अध्यक्ष रोड ब्रांसग्रोव के हवाले से कहा कुछ लोग सोचते हैं कि एक खिलाड़ी ने केंद्रीय उनबंध कर रखा है तो काउंटी को उससे कोई लेना देना नहीं है। इंग्लैंड प्रबंधन शायद ऐसा सोचे की यही मामला है लेकिन ऐसा नहीं है।
उन्होंने कहा इंग्लैंड को केविन को खिलाने और उसे आराम देने का अधिकार है, लेकिन वे घरेलू क्रिकेट सत्र के दौरान उसे किसी अन्य टीम से खेलने की इजाजत नहीं दे सकते। अगर कोई केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ी आईपीएल में खेलना चाहता है तो उसे काउंटी से स्वीकृति लेनी ही होगी और केविन के मामले में वह हैम्पशायर है।
ब्रांसग्रोव ने कहा मैं बातचीत के लिए तैयार हूँ लेकिन अगर कोई (आईपीएल) टीम काउंटी सत्र के दौरान केविन को खिलाना चाहती है तो संबंधित फ्रेंचाइजी को हमारे साथ समझौता करना होगा। पीटरसन के पास 17 लाख डॉलर की पेशकश है और उनका आईपीएल के दूसरे सत्र में खेलना लगभग तय है।
लंकाशायर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिम क्यूम्ब्स ने कहा हम फ्रेडी को आईपीएल में पैसा कमाने से नहीं रोकना चाहते। उन्हें हमारी ओर से शुभकामनाएँ। लेकिन अगर वह खेलता है तो हमें मुआवजा चाहिए क्योंकि उस समय काउंटी सत्र चल रहा होगा।
उन्होंने कहा कोई राशि तय नहीं की गई है। यह उनके अनुबंध का 10 प्रतिशत हो सकती है। हमारी प्राथमिकता होगी कि फ्रेंचाइजी इसका भुगतान करे खिलाड़ी नहीं।
इस बीच पेशेवर क्रिकेटर्स संघ के मुख्य कार्यकारी सीन मोरिस ने कहा कि खिलाड़ी और फ्रेंचाइजी के मुआवजा बाँटने पर भी सहमति बन सकती है।