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मेरे जीवन की सर्वश्रेष्ठ पारी-हसी

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सेंट लूसिया , शनिवार, 15 मई 2010 (14:49 IST)
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माइकल हसी को अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को ट्वेंटी-20 विश्व कप के फाइनल में पहुँचा दिया लेकिन 24 गेंद में 60 रनों की अपनी पारी को उन्होंने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी करार दिया है।

जीत के लिए 192 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 13वें ओवर में पाँच विकेट 105 के स्कोर पर गँवा दिए थे। उसे एक समय पाँच ओवर में 70 रनों की जरूरत थी।

आखिरी ओवर में ऑस्ट्रेलिया को 18 रन चाहिए थे लेकिन हस्सी ने एक गेंद शेष रहते अविश्वसनीय जीत को ऑस्ट्रेलिया की झोली में डाल दिया।

हसी ने कहा कि यह मेरी सर्वश्रेष्ठ पारी है। पहले एडीलेड में एशेज टेस्ट की उस पारी को मैं सर्वश्रेष्ठ मानता था जब मैने आखिरी गेंद पर छक्का लगाया था, लेकिन यह सेमीफाइनल और अहम मैच था। मुझे लगता है कि यह मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन नहीं था कि ऑस्ट्रेलिया यह मैच जीत लेगा।

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लग रहा था कि मैं रन बना लूँगा। मुझे यकीन नहीं हो रहा। यह पूछने पर कि आखिरी ओवर में उनके दिमाग में क्या चल रहा था, हसी ने कहा कि वे हर गेंद को स्टेडियम के बाहर पीटना चाहता थे।

उन्होंने कहा कि मैं हर गेंद को पीटना चाहता था। यदि वह यार्कर फेंकता तो ऐसा नहीं कर पाता लेकिन उसकी (सईद अजमल) की लाइन और लैंग्थ बिगड़ गई थी।

हसी ने कहा कि मैंने खुद से कहा कि भगवान आखिरी गेंद बल्ले के बीचोंबीच लगे। मुझे नहीं पता कि उस समय कैसा लग रहा था। मेरे साथी खिलाड़ी दौड़ पड़े और उनके चेहरे पर खुशी देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि टी-20 क्रिकेट में उन्हें काफी मजा आता है।

उन्होंने कहा कि मुझे हमेशा से टी-20 क्रिकेट में मजा आता है। मेरा पहला प्यार टेस्ट क्रिकेट है लेकिन बच्चों के लिए टी-20 क्रिकेट बेहतरीन है। (भाषा)

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