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मोदी ने की पैनल के पुनर्गठन की माँग

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मुंबई , मंगलवार, 6 जुलाई 2010 (22:25 IST)
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आईपीएल के निलंबित अध्यक्ष ललित मोदी ने बीसीसीआई की अनुशासन समिति को भंग करने की माँग करते हुए कहा कि इस मामले की जाँच उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को करनी चाहिए। अनुशासन समिति मोदी के खिलाफ इस ट्वेंटी 20 लीग को चलाने के दौरान अनियमितताओं के आरोप की जाँच करेगी।

क्रिकेट बोर्ड को दिए कानूनी नोटिस में मोदी ने पैनल में शामिल आईपीएल के अंतरिम अध्यक्ष चिरायु अमीन को हटाने की मांग करते हुए कहा कि वह इसके सदस्य नहीं हो सकते क्योंकि वह उस समूह के एक निवेशक थे, जिसने आईपीएल की दो नई फ्रेंचाइजियों कोच्चि और पुणे में से एक को खरीदने के लिए बोली लगाई थी।

मोदी ने बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर, सचिव एन श्रीनिवासन और अनुशासन पैनल के तीन सदस्यों को नोटिस में प्रतिवादी बनाया है। अनुशासन समिति के दो अन्य सदस्य अरूण जेटली और ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं।

पैनल में अमीन की मौजूदगी को ‘दुर्भाग्यशाली’ करार देते हुए मोदी की ओर से उनके वकील द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि आईपीएल के निलंबित अध्यक्ष ने सार्वजनिक तौर पर खुलासा किया था कि आईपीएल के अंतरिम अध्यक्ष ‘ पुणे समूह के निवेशकों का हिस्सा थे जिसने इस साल दो फ्रेंचाइजियों के लिए बोली लगाई थी जो विफल रही।’ ज

नोटिस में दावा किया गया है कि अमीन, मनोहर और श्रीनिवासन में से किसी ने भी 26 अप्रैल को आईपीएल के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में अमीन की नियुक्ति के दौरान यह खुलासा नहीं किया कि वह पुणे समूह में निवेशक थे और वह मोदी ही थे, जिन्होंने चार जून को मीडिया के जरिये यह खुलासा किया।

नोटिस में आरोप लगाया गया है कि बीसीसीआई अध्यक्ष मनोहर ने न सिर्फ इस सूचना को दबाया बल्कि शुरुआत में इससे इंकार भी किया। दावा किया गया है कि यह अहसास होने पर कि यह इंकार अधिक देर नहीं चलेगा मनोहर ने स्वीकार किया कि अमीन उस समूह का हिस्सा थे, जिसने पुणे टीम के लिए बोली लगाई थी।

नोटिस में दावा किया गया है कि अमीन को बचाने के लिए मनोहर ने कहा कि उन्हें अमीन ने एक पत्र दिया था जिसकी एक प्रति बीसीसीआई सचिव एन श्रीनिवासन के पास भी थी, जिसमें उन्होंने अपने रुचि का खुलासा किया था और कहा था कि बोली सफल होने पर बीसीसीआई की इजाजत ली जाएगी।

नोटिस में दावा किया गया है कि मनोहर का यह दावा गलत है। नोटिस में दावा किया गया है कि अमीन चाहते थे कि उनके इस बोली में शामिल होने का पता चले और उनका भंडाफोड़ हुआ है। इसमें साथ ही कहा गया कि बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव ने उन्हें बचाने का प्रयास किया था।

नोटिस में कहा गया है कि अमीन का अपने निवेश के बारे में बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव को खुलासा करना साफ तौर पर सोच विचार कर उठाया गया कदम था। साथ ही कहा गया है कि अमीन ने आईपीएल का अंतरिम बनने पर राजी होने के बाद बीसीसीआई या आईपीएल की संचालन परिषद को पुणे समूह में अपने हितों का खुलासा किया। (भाषा)

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