Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

राजपूत को नई भूमिका का इंतजार

Advertiesment
हमें फॉलो करें भारतीय क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका टेस्ट मैच
चेन्नई (भाषा) , सोमवार, 24 मार्च 2008 (16:08 IST)
बीसीसीआई की टीम प्रबंधन में की गयी ताजा काटछाँट में अपना पता कटवा चुके भारतीय टीम के पूर्व मैनेजर लालचंद राजपूत अब तक यह समझ नहीं सके हैं कि ट्वेंटी-20 विश्व कप की ऐतिहासिक जीत और ऑस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय श्रृंखला में जीत के बावजूद उन्हें क्यों हटा दिया गया।

राजपूत ने मुंबई से बताया कि यकीनन यह निराशाजनक है कि मुझे मेरे पद पर बरकरार नहीं रखा गया। मैंने अपनी तरफ से पूरा प्रयास किया, जिसके परिणाम भी देखने को मिले लेकिन मुझे लगता है कि मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता। मुझे पूरी परिस्थिति में अपने को सकारात्मक बनाए रखना होगा।

बीसीसीआई ने पिछले सप्ताह क्षेत्ररक्षक कोच रॉबिनसिंह और गेंदबाजी कोच वेंकटेश प्रसाद को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरू होने जा रहीं टेस्ट श्रृंखला के लिए बरकरार रखा लेकिन ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर सहायक कोच रहे लालचंद राजपूत को यह सम्मान नहीं दिया।

यह पूछने पर कि अब टीम में उनकी क्या भूमिका होगी? राजपूत ने कहा कि मैं बीसीसीआई के निर्देशों का इंतजार कर रहा हूँ। राजपूत ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि उनके (बोर्ड के) दिमाग में जरूर कोई न कोई बात होगी। ग्रेग चैपल के बाद टीम इंडिया बिना किसी पूर्णकालिक कोच के थी और रवि शास्त्री तथा चंदू बोर्डे ने बांग्लादेश और इंग्लैंड दौरे पर अपनी सेवाएदी थी।

राजपूत को धोनी की अगुवाई वाली ट्वेंटी.20 भारतीय टीम का मैनेजर बनाया गया था और तब टीम ने खिताब जीता था। रिकी पोंटिग की टीम पिछले साल जब यहाँ आई थी तब भारत इसमें सफलता हासिल नहीं कर पाया था लेकिन इस टीम ने अपने पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को वनडे श्रृंखला में हराया था।

भारतीय टीम इतना बेहतर प्रदर्शन रही है कि कुछ सीनियर खिलाड़ियों ने तो यहाँ तक कह दिया था कि टीम को पूर्णकालिक कोच की जरूरत ही नहीं है और वर्तमान ढांचे को ही बरकरार रखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह कुछ लोगों की राय हो सकती है लेकिन टीम को एक पूर्ण कोच की जरूरत है। राजपूत ने कहा कि मुझे गैरी कर्स्टन या अन्य विदेशी कोच से कोई शिकायत नहीं है लेकिन बोर्ड को भारतीय खिलाड़ियों को भी मौका देने के बारे में सोचना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमारे पास कोचिंग के लिये काफी विकल्प हैं। पूर्व में अनेक भारतीय कोच ने अच्छे परिणाम भी दिए हैं। मुझे लगता है कि बोर्ड को इस बारे में कभी न कभी सोचना पड़ेगा कि किसी भारतीय को भी इस पद के लिये चुना जाए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi