अगले महीने भारत के दौरे पर आने वाली इंग्लिश टीम के खिलाफ पहले दो वनडे मैच के लिए भारतीय टीम में शामिल किए जाने पर पंजाब के लेग स्पिनर राहुल शर्मा ने कहा है कि वह बेहद खुश हैं क्योंकि राष्ट्रीय टीम में चुने जाने का उनका सपना अब पूरा हो गया है।
रणजी ट्रॉफी जीतने वाली राजस्थान टीम के खिलाफ यहां ईरानी ट्रॉफी खेलने आए 24 वर्षीय राहुल ने कहा मैं खुश हूं कि आखिरकार चयनकर्ताओं ने मेरे प्रदर्शन की कद्र की और मुझे राष्ट्रीय टीम के लिए चुना। मेरा सपना पूरा हो गया है।
उन्होंने कहा मेरे यहां तक पहुंचने में दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले का बहुत योगदान है। वह मेरे सच्चे गुरू हैं। उन्होंने मुझे राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षित किया था। हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा से भी मैंने खेल की बारीकियां सीखीं हैं। मैं भज्जी के साथ खेलना चाहता था लेकिन दुर्भाग्य से वह टीम में शामिल नहीं हैं।
उत्तर क्षेत्र के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले राहुल ने कहा मेरा सबसे मजबूत पक्ष है मेरी सटीकता. उछाल और फ्लिपर। मैं पिछले पांच छह वर्षों से कडी मेहनत कर रहा था और अंतत मैं चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करने में कामयाब रहा। एक गेंदबाज को ट्वेंटी-20 से अधिक मौका वनडे मैच में मिलता है।
राष्ट्रीय टीम की जिम्मेदारियों के बारे में उन्होंने कहा मैं किसी दबाव में नही हूं क्यों इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में मैं विश्वस्तरीय खिलाड़ियों के साथ खेल चुका हूं। मेरे लिए सबसे कठिन बल्लेबाज मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर हैं और मैं उन्हें दो बार आउट कर चुका हूं। इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है।
उन्होंने कहा इधर कुछ दिनों से मैं अजंता मेंडिस की तरह नया स्टाइल अपनाने की कोशिश कर रहा हूं और ईरानी ट्रॉफी में मैं यह स्टाइल उपयोग में लाऊंगा। राहुल ने नौ प्रथम श्रेणी मैचों में 16 विकेट और 28 ट्वेंटी-20 मैचों में 6.40 की औसत से 29 विकेट लिए हैं। (वार्ता)