ललित मोदी के पर कतरे जाएँगे
नई दिल्ली , शुक्रवार, 16 अप्रैल 2010 (00:02 IST)
ललित मोदी के काम करने की शैली से खिन्न भारतीय क्रिकेट बोर्ड इंडियन प्रीमियर लीग के आयुक्त के पर कतरने की योजना बना रहा है क्योंकि इसके कारण कई विवाद पैदा हो चुके हैं।मोदी आईपीएल आयुक्त और अध्यक्ष दोनों प्रभावशाली पदों पर काबिज हैं। उन्होंने कोच्चि फ्रेंचाइजी के शेयरधारकों का सार्वजनिक रूप से खुलासा कर विवाद खड़ा कर दिया, जिसके बाद यह विवाद बढ़ता ही जा रहा है।हालाँकि बीसीसीआई का कोई भी अधिकारी इस बारे में अधिकारिक रूप से बात करने को तैयार नहीं हैं, लेकिन शीर्ष सूत्रों ने कहा कि मोदी के काम करने के तरीके से सभी काफी नाराज हैं और शीर्ष अधिकारी उनके पर कतरने की कोशिश कर रहे हैं।एक सूत्र ने कहा उन्होंने (मोदी) जिस तरीके से यह विवाद शुरू किया है, इस बात पर कुछ नाराजगी है। उन्होंने कई बार संचालन परिषद से भी संपर्क नहीं किया है और अपने ट्विटर पेज पर कुछ महत्वपूर्ण फैसलों को सार्वजनिक रूप से उजागर कर दिया। यह बात किसी को अच्छी नहीं लगी। आईपीएल के संविधान के अनुसार मोदी को 2012 तक आयुक्त पद से नहीं हटाया जा सकता, लेकिन उन्हें सार्वजनिक रूप से कोई भी फैसला करने से पूर्व सभी मुद्दों पर आईपीएल संचालन परिषद से चर्चा करने के लिए कहा जा सकता है।सूत्रों ने कहा कि आईपीएल संचालन परिषद के ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट के तीसरे सत्र के तुरंत बाद बैठक करने की उम्मीद है, जिसमें मोदी को साफ कर दिया जाएगा कि उनकी भूमिका प्रतिबंधित की जाएगी। संचालन परिषद कोच्चि फ्रेंचाइजी के शेयरधारकों के संबंध में गंभीरता से चर्चा करेंगे और इस संबंध में फैसला लेंगे।बीसीसीआई के अध्यक्ष शशांक मनोहर ने कुछ दिन पहले मोदी को कड़े शब्दों में पत्र लिखा था कि बोर्ड की उपसमिति के अध्यक्ष के तौर पर उनका ट्विटर पर खुलासा करना शोभा नहीं देता।मनोहर ने लिखा कि आपकी कार्रवाई अनुबंध के गोपनीयता की शर्तों का गंभीर उल्लघंन है। उन्होंने कहा कि अब तक आपके कई मुद्दों पर सार्वजनिक बयान दिए हैं, जिन पर संचालन परिषद की बैठक में चर्चा भी नहीं की गई जबकि संचालन परिषद के पास प्रत्येक और आईपीएल से जुड़े हर मुद्दे के संबंध में फैसला लेने का अधिकार है। इस विवाद से सबक लेते हुए बीसीसीआई आईपीएल की पूरी कार्रवाई और पारदर्शी बनाने की योजना बना रही है और फ्रेंचाइजी की सभी जानकारियों को सार्वजनिक बनाएगा।