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व्हाटमोर का कोच बनना लगभग तय

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बंगलोर (भाषा) , रविवार, 3 जून 2007 (16:50 IST)
ऑस्ट्रेलिया के डेव व्हाटमोर का टीम इंडिया के नए कोच के रूप में ग्रेग चैपल की जगह लेना अब लगभग तय सा लग रहा है।

बीसीसीआई सूत्रों की मानें तो शरद पवार की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय कोच चयन समिति कल होने वाली बैठक में उनके नाम पर मुहर लगा देगी।

इस महीने के आखिर में भारतीय टीम के इंग्लैंड और आयरलैंड दौरे से पहले नए कोच को पदभार संभालना है। श्रीलंका में जन्में पूर्व बल्लेबाज व्हाटमोर ने किम ह्यूजेस की अगुवाई वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ 1979 में भारत का दौरा किया था।

सूत्रों ने बताया व्हाटमोर इस पद के सबसे प्रबल दावेदार कहे जा सकते हैं, लेकिन देखते हैं कि समिति के बाकी सदस्य और किन नामों पर चर्चा करते हैं। सूत्रों का इशारा भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावसकर की ओर था, जो समझा जाता है कि इस पद के लिए व्हाटमोर के समर्थक नहीं हैं। गावसकर उन तीन पूर्व कप्तानों में से हैं, जो समिति के सदस्य है।

गावसकर ने अपने कालम में परोक्ष रूप से व्हाटमोर की आलोचना करते हुए कहा कि चटगाँव में भारत के खिलाफ पहले टेस्ट के दौरान लक्ष्य का पीछा करने में बांग्लादेश ने जुझारूपन नहीं दिखाया। इसके अलावा मीरपुर में दूसरे टेस्ट में टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण के बांग्लादेश के फैसले की भी उन्होंने आलोचना की।

उस श्रृंखला के बाद बांग्लादेश के कोच के पद से इस्तीफा देने वाले व्हाटमोर का वैसे बतौर कोच अच्छा रिकॉर्ड रहा है।

कोच राइट और सौरव गांगुली की जोड़ी ने कामयाबी की नई बुलंदियों को छुआ। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट श्रृंखलाएँ जीती और पाकिस्तान को पहली बार उसकी धरती पर टेस्ट श्रृंखला में हराया। इसके अलावा भारत 2003 विश्व कप के फाइनल तक पहुँचा।

वहीं चैपल का कार्यकाल विवादों से भरा रहा। पहले गांगुली के साथ तकरार और फिर विश्व कप में टीम के पहले दौर से बाहर होने के बाद सीनियर खिलाड़ियों से उनके मतभेद सुर्खियों में रहे।

उनके कोच रहते हालाँकि भारतीय टीम ने वनडे क्रिकेट में लगातार 17 बार लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज की। वेस्टइंडीज को 35 साल में पहली बार उसकी धरती पर टेस्ट श्रृंखला में हराया और पाकिस्तान पर वनडे श्रृंखला में 4-1 से जीत दर्ज की।

नए कोच की मदद के लिये गेंदबाजी कोच वेंकटेश प्रसाद और फील्डिंग कोच रॉबिनसिंह को बरकरार रखा जा सकता है, जिनकी नियुक्ति बांग्लादेश दौरे के समय की गई थी। बीसीसीआई सूत्रों ने कहा उनके पद पर बने रहने की संभावना है।

इससे पहले कल दोपहर में गावसकर की अध्यक्षता वाली बोर्ड की तकनीकी समिति की बैठक होगी। इसमें घरेलू क्रिकेट सत्र के आखिर में मुंबई में हुए रणजी कप्तानों और कोचों के सेमिनार में रखे गए सुझावों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा समिति अगले सत्र में रणजी ट्रॉफी के प्रारूप पर भी फैसला लेगी।

अर्जुन राणतुंगा की कप्तानी में 1996 विश्व कप जीतने वाली श्रीलंकाई टीम के कप्तान व्हाटमोर ही थे। उनके कोच रहते ही इस बार बांग्लादेश विश्व कप के दूसरे दौर तक पहुँचा।

गावसकर के अलावा विशेष समिति में पूर्व कप्तान और बांग्लादेश दौरे पर भारतीय टीम के अंतरिम मैनेजर रहे रवि शास्त्री और आईसीसी की एलीट पेनल के रिटायर अंपायर श्रीनिवास वेंकटराघवन भी है।

पवार शाह बीसीसीआई के संयुक्त सचिव एम.पी. पांडोव और कोषाध्यक्ष एन.श्रीनिवासन सात सदस्यीय समिति के बाकी सदस्य हैं।

बोर्ड सूत्रों ने कहा यह फैसला सर्वसम्मति से लिया जायेगा और इस मसले पर कोई मतदान नहीं होगा। कोच चयन समिति की बैठक यहाँ एक पाँचसितारा होटल में रात साढे आठ बजे से शुरू होगी क्योंकि पवार शाम को ही यहाँ पहुँच पाएँगे।

बीसीसीआई को व्हाटमोर से हरी झंडी पहले ही मिल चुकी है। टेस्ट श्रृंखला के दौरान बोर्ड सचिव निरंजन शाह और अध्यक्ष पवार की बांग्लादेश यात्रा के समय उनकी बातचीत हुई मानी जाती है।

बीसीसीआई सूत्रों ने कहा बांग्लादेश में शाह से बातचीत के दौरान वाटमोर ने भारतीय टीम का कोच बनने की इच्छा जताई। ऐसे संकेत हैं कि खिलाड़ियों का रूझान भी विदेशी कोच के लिए ही है। व्हाटमोर यदि कोच बनते हैं तो वह न्यूजीलैंड के जान राइट (2001-05) और चैपल (2005-07) के बाद तीसरे विदेशी कोच होंगे।

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