लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने कहा कि भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी को बल्लेबाजी क्रम में शीर्ष पर खेलने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसमें स्टार क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर और वीरेंद्र सहवाग पहले ही मौजूद हैं।
गावस्कर ने कहा कि भारतीय शीर्ष क्रम में तेंडुलकर, सहवाग, गौतम गंभीर और युवराजसिंह जैसे धुरंधर मौजूद हैं, जिससे भारतीय कप्तान को बल्लेबाजी क्रम में उपर उतरने की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने एचटी लीडरशीप समिट में कहा कि मुझे लगता है कि धोनी के लिए शीर्ष क्रम में कोई जगह नहीं है क्योंकि इसमें पहले से ही तेंडुलकर, सहवाग, गंभीर और युवराज मौजूद हैं। धोनी के लिए पाँचवाँ स्थान ही ठीक है और वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पूरी श्रृंखला में इसी स्थान पर उतरेंगे।
गावस्कर ने कहा कि जब युवराज चोटिल थे, तब विराट कोहली को चौथे नंबर पर उतारने के बजाय धोनी को खुद बल्लेबाजी करनी चाहिए थी, लेकिन अब पंजाब का यह क्रिकेटर वापसी कर चुका है तो उनके शीर्ष क्रम में खेलने की जरूरत नहीं है ।
उन्होंने कहा कि नागपुर में दूसरे वनडे में धोनी 16वें ओवर में बल्लेबाजी के लिए उतरे थे। तब उनके पास खेलने के लिए 35 ओवर थे। आक्रामक और बढ़िया बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ी को जितने ज्यादा संभव हो, उतने ओवर खेलने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन जब आपके पास शीर्ष क्रम में धुरंधर खिलाड़ी हैं तो यह मौका कभी-कभी ही मिलता है।
छींटाकशी में सीमा नहीं लांघनी चाहिए : मास्टर बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने छींटाकशी को गलत नहीं बताते हुए कहा कि अगर गाली गलौज नहीं की जाए और यह सीमा के अंदर रहकर हो तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि छींटाकशी आम शब्द है। अगर गेंदबाज पूछता है कि 'आज क्या खाया’ तो इसमें कोई परहेज नहीं है। किन्तु अगर खिलाड़ी की भाषा खराब हो तो निश्चित रूप से यह गलत है।