कोटला फतह के बाद उत्साह से ओतप्रोत भारत शुक्रवार से ईडन गार्डन्स में शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में चोटिल खिलाड़ियों से जूझ रहे पाकिस्तान को चित करके 28 साल अपने चिर प्रतिद्वंद्वी से घरेलू सरजमीं पर श्रृंखला जीतने के लिए उतरेगा।
दिल्ली में पहला टेस्ट 6 विकेट से गँवाने के बाद पाकिस्तान दूसरे मैच से पहले कुछ प्रमुख खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर परेशान है। उसके लिए यह मैच 'करो या मरो' वाला होगा क्योंकि तीन मैचों की श्रृंखला में बने रहने के लिए उसे इसमें हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी।
तेज गेंदबाज उमर गुल इस मैच में भी नहीं खेल पाएँगे जबकि कप्तान शोएब मलिक और तूफानी गेंदबाज शोएब अख्तर का खेलना भी संदिग्ध है। पाकिस्तानी टीम प्रबंधन अंतिम एकादश का फैसला कल ही करेगा, लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं उनके अनुसार मलिक टीम की अगुवाई करने के लिए पूरी तरह फिट नहीं हैं और यदि वह नहीं खेल पाते हैं तो फिर यूनिस खान टीम का नेतृत्व करेंगे।
दूसरी तरफ भारत को ऐसी कोई परेशानी नहीं है और उसे आशा है कि वह अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखकर यहीं श्रृंखला अपने नाम करेगा। यदि भारत यह मैच जीत लेता है तो यह अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 28 साल बाद अपनी सरजमीं पर उसकी श्रृंखला में पहली जीत होगी। इससे पहले उसने 1979-80 में पाकिस्तान को 2-0 से हराया था।
अनिल कुंबले और उनके साथी पहले टेस्ट की जीत के बाद पूरे जोश में हैं। कप्तान ने स्वयं दोनों पारियों में अच्छा प्रदर्शन किया और कप्तानी की भी खास छाप छोड़ी। इसके विपरीत पाकिस्तान एक हताश टीम दिखाई दे रही है। पहले टेस्ट में उसकी बल्लेबाजी असफल रही क्षेत्ररक्षण में उन्होंने लचर प्रदर्शन किया और 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' शोएब अख्तर को छोड़कर उसके गेंदबाजों में कोई दम नहीं दिखा।
यहीं नहीं, कई खिलाड़ियों के अस्वस्थ हो जाने से भी टीम प्रबंधन की रातों की नींद उड़ी हुई हैं। अख्तर और मलिक के अलावा तेज गेंदबाज मोहम्मद समी और शानदार फॉर्म में चल रहे मध्यक्रम के बल्लेबाज मिस्बाह उल हक भी स्वस्थ नहीं हैं।
छाती में दर्द के कारण एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराए गए शोएब अख्तर को कल शाम को छुट्टी दे दी गई। मलिक का टखना मुड़ गया है और वह अभ्यास में भाग नहीं ले पाए थे।
टीम प्रवक्ता ने कहा कि टीम फिजियो उनकी फिटनेस की जाँच करेंगे। शाम को टीम की बैठक होगी और तभी हमें पता चलेगा कि वे खेल पाएँगे या नहीं। मिस्बाह और सामी दोनों के गले में दर्द है लेकिन टीम प्रबंधन को आशा है कि वे मैच से पहले फिट हो जाएँगे।
जहाँ तक भारत का सवाल है तो उसे फिटनेस को लेकर कोई चिंता नहीं है। सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की उपस्थिति में उसकी बल्लेबाजी बहुत मजबूत है। इन चारों ने मिलकर 30 हजार से अधिक टेस्ट रन बनाए हैं और इन सभी ने दिल्ली टेस्ट की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
ईडन गार्डन्स में अच्छी खासी संख्या में दर्शकों के पहुँचने की संभावना है और ऐसे में स्थानीय हीरो गांगुली इस बार उन्हें निराश नहीं करना चाहेंगे। गांगुली ने अब तक अपने घरेलू मैदान पर टेस्ट शतक नहीं जमाया है और यह मैच उनके लिए आखिरी मौका हो सकता है।
गांगुली ईडन में अपना आठवाँ टेस्ट मैच खेलेंगे। वह पहले भी कई बार कह चुके हैं कि यहां शतक न जमा पाना उनके शानदार कॅरियर का निराशाजनक पक्ष रहा।
भारत संभवत: विजयी टीम में कोई छेड़छाड़ नहीं करना चाहेगा और यदि ऐसा होता है तो फिर गांगुली को जहीर खान और मुनाफ पटेल की मदद के लिए तीसरे मध्यम गति के गेंदबाज के रूप में उपयोग किया जा सकता है। कुंबले और हरभजन सिंह पहले की तरह स्पिन विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे।
पाकिस्तान अपनी बल्लेबाजी में मोहम्मद यूसुफ और यूनिस खान पर बहुत निर्भर है। इन दोनों ने 2005 में यहां खेले गये मैच में शतक जड़ा था। भारत की भी इस मैच से सुखद यादें जुड़ी हैं। उसने न सिर्फ इसमें जीत दर्ज की थी, बल्कि तब द्रविड़ ने दोनों पारियों में शतक जमाया था और कुंबले ने दस विकेट लिए थे।
कुंबले फिर से इस पिच पर गेंदबाजी करना पसंद करेंगे जिसमें नाममात्र की घास है। पिच को देखने से लगता है कि इसमें अनियमित उछाल मिल सकती है और स्पिनरों को चौथे दिन से इसमें मदद मिल सकती है।
भारत और पाकिस्तान इस मैदान पर अब तक छह मैच खेल चुके हैं जिसमें दोनों ने एक-एक में जीत दर्ज की। पाकिस्तान ने 1999 में एशियाई टेस्ट चैंपियनशिप मैच जीता था, जबकि भारत ने 2005 में जीत दर्ज की थी।