मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे श्रृंखला का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने जाने के बाद यह पुरस्कार युवराज सिंह के साथ संयुक्त रूप से लेने की घोषणा करके खेल भावना का शानदार उदाहरण पेश किया।
रविवार को अंतिम और तीसरे वनडे मैच की समाप्ति के बाद पुरस्कार वितरण के समय जब ' मैन ऑफ द सीरिज' के लिए सचिन का नाम पुकारा गया तो अपनी खेल भावना के लिए सारी दुनिया में मशहूर इस खिलाड़ी ने कहा कि यह पुरस्कार युवराज के साथ लेना चाहूँगा।
इसके बाद उन्होंने युवराज को मंच की तरफ आने का इशारा किया, लेकिन युवराज थोड़े झिझक रहे थे, लेकिन सचिन के लगातार बुलावे ने उन्हें मंच पर आने के लिए मजबूर कर दिया। उसके बाद ही सचिन ने श्रृंखला के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का यह पुरस्कार ग्रहण किया।
उन्होंने इस अवसर पर कहा कि दरअसल भारत की इस जीत में युवराज की दो मैच विनिंग पारियों का अहम योगदान रहा है, इसलिए मैं यह पुरस्कार युवराज के साथ ही लेना चाहता था। युवराज ने दूसरे और तीसरे वनडे में नाबाद 49 और नाबाद 61 रन बनाए थे।
काफी समय बाद इस श्रृंखला में अपनी पुरानी लय में दिखाई दिए सचिन ने अपनी बल्लेबाजी के बारे में कहा कि गेंदबाजों को अपने मुताबिक खेलकर खुश हूँ।
पहले मैच में बल्लेबाजी करना उतना आसान नहीं था, इसीलिए उसमें मैंने समय लिया। दूसरे मैच में तो गेंद सही तरीके से बल्ले पर आ रही थी और स्ट्रोक खेलना थोड़ा आसान रहा।
सचिन ने पहले मैच में 99 और दूसरे मैच में 93 रन की शानदार पारियाँ खेली थीं। दूसरे मैच में ही वह वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 15 हजार रन बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज भी बने। हालाँकि रविवार को वह बल्ले से नाकाम रहे और केवल आठ रन ही बना सके, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के दो विकेट झटकने में सफल रहे।
उन्होंने कहा कि जीत के साथ क्रिकेट सीजन की शुरूआत करना काफी अच्छा है। उन्होंने कहा कि लेकिन अब हमारा ध्यान इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट और वनडे मैचों की श्रृंखला पर है। हालाँकि इससे पहले भारत को स्कॉटलैंड में मंगलवार को पाकिस्तान के खिलाफ एकमात्र वनडे मैच खेलना है।