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स्मिथ के दिल में अरसे तक रहेगी टीस

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सेंट लूसिया , सोमवार, 4 जून 2007 (01:49 IST)
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ग्रीम स्मिथ का सुबह की नमी और हवा बावजूद टॉस जीतकर पहले बल्ला थामने का फैसला तथा हर्शल गिब्स का अम्पायर से मिले जीवनदान का फायदा न उठाना विश्व कप में दूसरे सेमीफाइनल के निर्णायक मोड़ रहे।

ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने पिच से मिल रही थोड़ी बहुत मदद और हवा का पूरा लाभ उठाते हुए गेंद स्विंग कराई और 22 गज की पट्टी को दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के लिए कब्रगाह में तब्दील कर दिया।

गेंदबाजी हो क्षेत्ररक्षण या फिर सधी हुई बल्लेबाजी। ऑस्ट्रेलिया के तरकश से आज जितने तीर निकले अफ्रीकी टीम के पास उनमें से एक का भी जवाब नहीं था।

पारी के तीसरे ओवर से शुरू हुआ विकेटों का पतझड़ 44वें ओवर में दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम सिमटने पर ही खत्म हुआ। विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल मैच के निर्णायक अंश इस प्रकार रहे -

* ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के कहर से बचने के लिए स्मिथ ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया लेकिन यह उनके लिए आत्मघाती साबित हुआ। विरोधी टीम के गेंदबाजों ने अलग मंसूबे पाले थे और वे उनमें कामयाब भी हुए।

अफ्रीकी बल्लेबाजों ने अपनी लगातार गलतियों से उनका काम आसान किया। ऐसा मालूम हो रहा था जैसे बल्लेबाज अपने कदमों का इस्तेमाल करना भूल गए हैं और बाहर जाती गेंदों से छेड़छाड़ की कसम खाकर मैदान पर उतरे हैं।

* जब दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 27 रन पर पाँच विकेट था तब अम्पायर स्टीव बकनर ने ऐसे बल्लेबाज को जीवनदान दिया जो इस टीम के लिए कई बार तारणहार साबित हो चुका है।

विकेटों के पतझड़ के बीच हर्शल गिब्स के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर गेंद पीछे गई और एडम गिलक्रिस्ट ने उन्हें शानदार तरीके से लपका लेकिन बकनर इस निक को सुनने में नाकाम रहे। हालाँकि ऑस्ट्रेलिया को इसका ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ा। इस मौके को जाया करते हुए गिब्स (39) ने एक बार फिर गलती दोहराई, लेकिन इतिहास ने खुद को दोहराने से इंकार कर दिया। वह टेंट की गेंद पर विकेट की पीछे लपके गए।

* ऑस्ट्रेलियाई पारी की बात करें तो कप्तान रिकी पोंटिंग को भी जीवनदान मिला और नाबाद 60 रन बनाने वाले माइकल क्लार्क को भी। पोंटिंग जब चार के निजी स्कोर पर थे तब मिडविकेट पर एश्वेल प्रिंस ने उनका कैच टपका दिया। बाद में आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए ऑस्ट्रेलिाई कप्तान ने 22 रन बनाए।

* पारी के 11वें ओवर में माइकल क्लार्क तेजी से रन चुराने के प्रयास में बाल बाल बचे। एबी डिविलियर्स ने बिजली की तेजी से गेंद हथिया कर थ्रो तो की लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और वह निशाना चूक गए। बाद में क्लार्क ने टीम को जीत तक पहुँचाया ये दोनों मौके यदि भुनाए गए होते तो कंगारू टीम दबाव में आ सकती थी।

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