ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज लेग स्पिनर शेन वॉर्न पर 'अनुचित व्यवहार' संबंधी कई आरोप लगने के कारण उन्हें टीम का नेतृत्व करने का अवसर कभी नहीं मिल सका।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के सौ वर्षों के इतिहास पर नजर डालने वाली एक पुस्तक में यह खुलासा किया गया है।
गिडोन हेग और डेविड फ्रिथ द्वारा लिखी गई इस पुस्तक 'इनसाइड स्टोरी अनलाकिंग ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट्स आरकाइब्स' में बताया गया है कि वॉर्न पर लगे अनुचित व्यवहार के आरोपों के कारण वह पहले स्टीव वॉ और फिर रिकी पोंटिंग से कप्तानी की दौड़ में पिछड़ गए।
दैनिक 'द डेली टेलीग्राफ' में प्रकाशित एक खबर के अनुसार वॉर्न को कप्तान के पद के लिए उपयुक्त नहीं करार देने के संबंध में सीए की बैठक में सात कारण बताए गए।
इन कारणों में एक कारण यह भी था कि वॉर्न को कई मौके प्रदान किए गए, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने अनुचित व्यवहार के कारण यह स्पष्ट कर दिया कि वह उनका फायदा नहीं उठा सकते।
हालाँकि वॉर्न ने जनता का भरोसा बनाए रखा जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उन्होंने अपने आप को पूरी तरह से अयोग्य नहीं बनाया। हालाँकि वॉर्न ऑस्ट्रेलिया के कभी नियमित कप्तान नहीं बन पाए।
वॉर्न के अनुचित व्यवहार के बारे में डेली मिरर में प्रकाशित उस खबर का हवाला दिया गया है, जिसमें वॉर्न ने एक नर्स को एक नाइट क्लब में प्रस्ताव दिया और बाद में उसे मोबाइल पर संदेश भेजकर उसे तंग किया।