स्पिनर रंगना हेरात और तेज गेंदबाज नुवान कुलशेखरा के करिश्माई प्रदर्शन की बदौलत श्रीलंका ने पाकिस्तान को दूसरे क्रिकेट टेस्ट के तीसरे ही दिन मंगलवार को यहाँ सात विकेट से रौंदकर तीन मैचों की सिरीज पर कब्जा कर लिया।
बेहद उतार-चढ़ाव वाले इस मैच में श्रीलंका को चौथी पारी में जीत के लिए महज 171 रन का लक्ष्य मिला था, जो उसने 31.5 ओवर में तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया। ओपनर मलिंडा वर्णपुरा ने 54 रन बनाए, जबकि कप्तान कुमार संगकारा ने आक्रामक अंदाज में खेलते हुए 46 रन का योगदान दिया। पूर्व कप्तान माहेला जयवर्द्धने ने नाबाद 37 रन बनाकर टीम को जीत की मंजिल पर पहुँचाया।
इसके साथ ही श्रीलंका ने तीन मैचों की सिरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली है। अपनी जमीन पर पाकिस्तान के खिलाफ श्रीलंका की यह पहली टेस्ट सिरीज जीत है। हेरात और कुलशेखरा ने लंच के बाद के सत्र में कहर बरपाते पाकिस्तानी पारी को तहस-नहस कर दिया। मेहमान टीम के अंतिम नौ बल्लेबाज महज 35 रन ही जोड़ पाए।
दिग्गज ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के घायल होने की वजह से उनकी जगह टीम में शामिल किए गए स्पिनर हेरात ने अपने टेस्ट करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 99 रन पर पाँच विकेट चटकाए, जबकि तेज गेंदबाज कुलशेखरा ने 34 रन पर चार विकेट लेकर पाकिस्तान को दूसरी पारी में बड़ा स्कोर खड़ा करने से रोक दिया।
इससे पहले पाकिस्तान ने कल के स्कोर एक विकेट पर 178 रन से आगे खेलना शुरू किया। फवाद आलम (168) और कप्तान यूनुस खान (82) ने धैर्य के साथ खेलते हुए पारी को आगे बढ़ाया और दूसरे विकेट के लिए 200 रन की रिकॉर्ड साझेदारी की।
यह इस मैदान पर दूसरे विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी है। इन दोनों ने पाकिस्तान को पहली पारी की निराशा से उबारते हुए मैच में वापस ला दिया था। पाकिस्तान ने पहली पारी में महज 90 रन बनाए थे, जो श्रीलंका के खिलाफ उसका न्यूनतम स्कोर है।
आलम और यूनुस ने बिना कोई अतिरिक्त जोखिम उठाए पारी को आगे बढ़ाया, लेकिन लंच से ऐन पहले तरंगा परनविताना ने यूनुस को विकेट के पीछे कैच कराते हुए इस साझेदारी को जुदा कर दिया।
लंच के तुरंत बाद श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा ने नई गेंद स्पिनरों को पकड़ा दी। उनका यह दाँव काम कर गया और मोहम्मद यूसुफ (छह) को हेरात ने पगबाधा आउट कर चलता कर दिया।
यूसुफ के आउट होते ही संगकारा ने एक बार फिर अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए एक छोर पर अपने प्रमुख गेंदबाज कुलशेखरा को मोर्चे पर लगा दिया। फिर क्या था एक छोर पर कुलशेखरा और दूसरे पर हेरात। इन दोनों ने ऐसा कहर ढाया कि पाकिस्तान की पूरी टीम 320 रन पर ढेर हो गई और बड़ी बढ़त हासिल करने की उसकी मंशा काफूर हो गई।
हालाँकि श्रीलंका ने आलम को आउट करने के साथ ही एक बार फिर मैच में वापसी कर ली थी। विदेशी जमीन पर पहले ही टेस्ट में शतक ठोंकने वाले पहले पाकिस्तानी बल्लेबाज बनने का गौरव हासिल करने वाले 23 वर्षीय आलम ने 168 रन की मैराथन पारी में 15 चौके और एक छक्का जमाया।
यह श्रीलंका में किसी पाकिस्तान बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सर्वोच्च स्कोर है। इससे पहले यह रिकॉर्ड सलीम मलिक के नाम था, जिन्होंने 1997 में श्रीलंका के खिलाफ 155 रन बनाए थे। आलम 384 मिनट तक क्रीज पर रहे और 259 गेंदों का सामना किया।
हेरात ने खुर्रम मंजूर (38), आलम यूसुफ, शोएब मलिक (छह) और उमर गुल (दो) को पैवेलियन की राह दिखाई, जबकि कुलशेखरा ने मिस्बाह उल हक (तीन), कामरान अकमल (तीन), अब्दुल रऊफ (शून्य) और सईद अजमल (शून्य) को आउट किया। कुलशेखरा ने पहली पारी में भी चार विकेट चटकाए थे। इस तरह उन्होंने पूरे मैच में 58 रन देकर आठ विकेट लिए।
जीत के लिए 171 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका ने धुँआधार शुरुआत की। मलिंडा और तरंग परनविताना (17) ने आक्रामक अंदाज में खेलते हुए पहले दस ओवर में 60 रन ठोंक डाले। ऑफ स्पिनर अजमल ने परनविताना को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा। वर्णपुरा अर्द्धशतक (54) बनाकर रऊफ की गेंद पर बोल्ड हो गए, लेकिन संगकारा और जयवर्द्धने ने श्रीलंका की जीत सुनिश्चित कर दी।