5-6 साल और खेलना चाहते हैं हरभजन
नई दिल्ली , शुक्रवार, 25 नवंबर 2011 (01:12 IST)
खराब फॉर्म में चल रहे ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि अभी उनके भीतर क्रिकेट के पांच छह साल बाकी हैं। युवा स्पिनर आर. अश्विन और प्रज्ञान ओझा की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि वह कभी प्रतिस्पर्धा से नहीं भागे।उन्होंने कहा मेरे भीतर अभी भी पांच छह साल क्रिकेट के बाकी हैं। पिक्चर अभी बाकी है। मुझे लगता है कि मैं अभी भी टीम को योगदान दे सकता हूं। हरभजन ने कहा प्रतिस्पर्धा टीम के लिए अच्छी होती है। मैं प्रतिस्पर्धा से पीछे नहीं हटता। यदि ऐसा होता तो 13 साल तक नहीं खेल पाता। प्रतिस्पर्धा नहीं होगी तो खेल का स्तर बेहतर कैसे होगा। वेस्टइंडीज और इंग्लैंड में खराब प्रदर्शन के बाद हरभजन भारतीय टीम से बाहर हैं। उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिये चयन की उम्मीद है। उन्होंने संकेत दिया कि चयनकर्ता ऑस्ट्रेलिया में उनके रिकॉर्ड को अनदेखा नहीं कर सकते।हरभजन ने न्यूज24 से कहा मेरा काम क्रिकेट खेलना और अच्छा प्रदर्शन करना है। मैं चयन को लेकर चिंतित नहीं हूं। यह चयनकर्ताओं का काम है। उन्होंने कहा मुझे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने में मजा आता है। वह काफी आक्रामक टीम है और हमें भी उसी की तरह खेलना होगा। मुझे 2001 की श्रृंखला याद है जब मैने तीन टेस्ट में 32 विकेट लिए थे और ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने मुझे टर्बनेटर नाम दिया था। हरभजन ने उम्मीद जताई कि सचिन तेंडुलकर मुंबई में चल रहे तीसरे टेस्ट में अपना सौवां शतक पूरा करेंगे। उन्होंने कहा मैं दुआ कर रहा हूं कि वह मुंबई में ऐसा करें। उनसे बेहतर कोई नहीं है। उन्हें यह कारनामा अपने घरेलू मैदान पर ही करना चाहिए। ग्रेग चैपल के कोच रहते सीनियर खिलाड़ियों की परेशानियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा वह भारतीय क्रिकेट का सबसे खराब दौर था। चैपल ने टीम को पूरी तरह से बांट दिया था। यह कहना गलत है कि उन्होंने युवाओं को मौके दिये बल्कि उन्होंने टीम में असुरक्षा की भावना डालकर मतभेद पैदा किए। उन्होंने कहा मैं असुरक्षित था, सचिन असुरक्षित था। मुझे कहा गया था कि यदि पांच विकेट लूंगा तो ही अगला मैच खेल सकूंगा। टीम में उस समय अच्छा अहसास नहीं था। (वेबदुनिया न्यूज)