72 गेंद, 29 छक्के, 18 चौके और 277 रन
धनुका पाथीराना की मैदान पर रनों की बरसात
ट्वंटी-20 क्रिकेट को बल्लेबाजों का स्वर्ग तो पहले ही माना जा रहा था, लेकिन लंकाशायर की सैडलवर्थ लीग के एक मैच के दौरान तो श्रीलंका के प्रथम श्रेणी के बल्लेबाज धनुका पाथीराना ने मैदान पर चौकों-छक्कों की बरसात करते हुए महज 72 गेंदों पर 277 रन ठोंक डाले।
नजरों पर जोर मत डालिए। आपने बिल्कुल सही पढ़ा है। ये 277 रन केवल 72 गेंदों पर ही बनाए गए हैं। विश्वास नहीं हो रहा है न। आखिर हो भी कैसे, आज तक कभी किसी ने न ऐसा होते हुए देखा था और न ही सुना था।
लेकिन पाथीराना ने आस्टरलैंड्स टीम की तरफ से खेलते हुए ट्वंटी-20 मैच के दौरान यह हैरतअंगेज कारनामा कर दिखाया है। पाथीराना ने ड्रायल्सडेन के खिलाफ धुआँधार मचाते हुए 29 छक्के और 18 चौके उड़ा डाले।
इस अविश्वसनीय पारी की मदद से उनकी टीम ने 20 ओवर में 2 विकेट पर 366 रन का गगनचुंबी स्कोर खड़ा कर लिया और बाद में यह मैच विशाल अंतर से जीत गई।
पाथीराना ने 'मैनचेस्टर इवनिंग न्यूज' से अपनी इस पारी के बारे में कहा कि ऐसा लग रहा था कि हरेक गेंद एकदम मेरे बल्ले के बीचों-बीच टकरा रही है। मुझे गेंद फुटबॉल की तरह दिखाई दे रही थी। यह तो किसी सपने के साकार होने की तरह है।
मजेदार बात यह है कि पाथीराना ने यह कारनामा उधार माँगे गए बल्ले की मदद से अंजाम दिया। वह अपना बल्ला घर पर ही भूल आए थे और जब उन्हें पारी की शुरुआत करने को कहा गया तो उन्हें साथी खिलाड़ी से एक बल्ला उधार माँगना पड़ा, लेकिन अब वह इस बल्ले को शायद ही लौटाना चाहेंगे।
इस श्रीलंकाई क्रिकेटर ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस पारी के दौरान मैंने स्टेडियम की पार्किंग में खड़ी कई गाडियों के शीशे भी तोड डाले, लेकिन शायद ही किसी को इसका मलाल होगा। उनके साथी खिलाड़ी एंडी यंग तो खुशी से फूले नहीं समा रहे थे।
यंग ने इसे 'अविश्वसनीय' बताते हुए कहा कि पाथीराना को इस तरह कत्लेआम मचाते हुए देखना बड़ा अजीब लग रहा था। ऐसा भी नहीं है कि यह मैदान आकार में छोटा था। हम हमेशा सोचते थे कि वह एक विस्फोटक पारी खेलने की काबिलियत रखते हैं, लेकिन यह तो लाजवाब था।
यंग ने बताया कि सेमीफाइनल में पहुँचने के लिए इस मैच को बड़े अंतर से जीतना जरूरी था। इसी वजह से आम तौर पर तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले पाथीराना को पारी की शुरुआत करने और गेंदबाजों पर जमकर प्रहार करने के लिए भेजा गया था।
पाथीराना की इस पारी ने न केवल आस्टरलैंड्स टीम के लक्ष्य को पूरा कर दिया, बल्कि अगले सप्ताह से दक्षिण अफ्रीका में शुरू हो रहे पहले ट्वंटी-20 विश्व कप में गेंदबाजों की होने वाली दुर्दशा का भी संकेत दे दिया।