तालिबान के कारण खिलाड़ी बने दर्शक, Women World Cup स्टैंड्स से देखेगी यह टीम
अफगानिस्तान की निर्वासित महिला क्रिकेटर विश्व कप देखने भारत पहुंची
अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम आईसीसी महिला विश्व कप का हिस्सा नहीं है लेकिन निर्वासन के बाद ऑस्ट्रेलिया में रह रही देश की 16 क्रिकेटर सीखने के लिहाज से इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को देखने के लिए यहां पहुंची हैं।वर्ष 2021 में तालिबान के नियंत्रण के बाद अपने देश को छोड़ने के लिए मजबूर से महिला खिलाड़ी अभी ऑस्ट्रेलिया में शरणार्थी जीवन जी रही हैं। इन्हें विश्व कप के मुकाबले देखने के लिए आमंत्रित किया गया है जिससे कि उनकी क्रिकेटिंग और निजी विकास की यात्रा में मदद की जा सके।
इस कदम का लक्ष्य यह है कि अफगानिस्तान की महिला क्रिकेटर निर्वासन के दौरान अपना करियर और भविष्य की पीढ़िेयों के लिए खेल को जीवंत रख सकें।हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद इन खिलाड़ियों को कड़ी सुरक्षा के बीच शहर के होटल में पहुंचाया गया। असम क्रिकेट संघ के अधिकारी ने बताया, उनके मैच देखने और क्रिकेटरों से बातचीत करने की संभावना है जिससे कि उन्हें अपने खेल का स्तर सुधारने में मदद मिल सके।उन्होंने कहा, यह उनके लिए शानदार मौका है और यहां हम सभी तरह का समर्थन मुहैया करा रहे हैं।
अफगानिस्तान की क्रिकेटरों के दौरे के पूर्ण कार्यक्रम की जानकारी नहीं है लेकिन विश्व कप के दौरान इन खिलाड़ियों के भारत की घरेलू टीमों के खिलाफ खेलने की भी उम्मीद है।चार साल पहले तालिबान के अफगानिस्तान पर नियंत्रण स्थापित करने के बाद महिलाओं के खेलों का हिस्सा बनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।इस साल जनवरी में अफगानिस्तान की निर्वासित महिला क्रिकेटों ने क्रिेकेट विदआउट बॉर्डर्स एकादश की ओर से मेलबर्न में 2021 के बाद अपना पहला मैच खेला।अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने मई में अफगानिस्तान की महिला क्रिकेटरों के समर्थन में पहला की शुरुआत करते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई), इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के साथ साझेदारी के तहत एक समर्पित कार्यबल का गठन किया।