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3 साल से तालिबानी प्रतिबंध झेल रही खिलाड़ियों ने ICC को सुझाया बीच का रास्ता

अफगानिस्तान की महिला क्रिकेटरों ने ICC से शरणार्थी टीम गठित करने का आग्रह किया

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WD Sports Desk

, मंगलवार, 2 जुलाई 2024 (13:29 IST)
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर क्रिकेट के मैदान पर उतरने का सपना संजोय ऑस्ट्रेलिया में आत्म-निर्वासन में रह रही अफगानिस्तान की 17 महिला क्रिकेटरों ने आईसीसी को पत्र लिख कर एक टीम गठित करने में मदद करने की मांग की है।

तालिबान ने 2021 में अफगानिस्तान में सत्ता हासिल करने के बाद महिला टीम को भंग कर दिया गया था।अफगानिस्तान की पुरुष टीम ने पहली बार टी20 विश्व कप सेमीफाइनल में जगह बनाकर सुर्खियां बटोरी लेकिन तालिबान के राज से पहले अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड से अनुबंधित महिला खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया में शरणार्थी के तौर पर रह रहीं हैं। उन्हें उम्मीद है कि शरणार्थी टीम के तौर पर वे फिर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल पायेंगे।

वैश्विक संचालन संस्था को लिखे पत्र में महिला क्रिकेटरों ने टी20 विश्व कप में पुरुष टीम के शानदार प्रदर्शन की सराहना की लेकिन अफसोस जताया कि उन्हें आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल रहा है।

आईसीसी को 29 जून को लिखे गये पत्र में महिला खिलाड़ियों ने कहा, ‘‘हम, अफगानिस्तान महिला टीम के पूर्व अनुबंधित खिलाड़ी आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप में अफगानिस्तान की उपलब्धियों से गौरवान्वित और उत्साहित हैं। राशिद खान और उनकी टीम को सेमीफाइनल में पहुंचने पर बधाई देना चाहते हैं।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए यह बड़ी दुख की बात है कि महिला होने के कारण हम पुरुष क्रिकेटरों की तरह अपने देश का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते।’’

अफगानिस्तान सरकार में महिलाओं के लिए कड़े नियम हैं और उन्हें खेल गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है।पत्र में कहा गया है, ‘‘अफगानिस्तान की पूर्व महिला क्रिकेट खिलाड़ी अब विदेश में है और हम अफगानिस्तान की महिला राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करने में असमर्थ हैं। हम आईसीसी से ऑस्ट्रेलिया में एक शरणार्थी टीम स्थापित करने में हमारी सहायता करने की मांग कर रहे हैं।’’

खिलाड़ियों ने कहा है कि उनकी प्रस्तावित टीम ‘बिना सीमाओं के’ होगी और अफगानिस्तान में महिला खिलाड़ियों के सामने आने वाली चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित करेगी।उन्होंने कहा, ‘‘शरणार्थी टीम बनाने का हमारा लक्ष्य अपनी प्रतिभा को विकसित और प्रदर्शित करने के साथ अफगानिस्तान की महिलाओं को उम्मीद देना है। हम उन महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।’’(भाषा)

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