नई दिल्ली:आम बैठक (एसजीएम) से एक दिन पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) के दो गुटों को लेकर असमंजस की स्थिति में है। जहां एक तरफ बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शिवलाल यादव का गुट है तो वहीं दूसरी ओर मोहम्मद अजहरुद्दीन का।
दरअसल एचसीए की जनरल बॉडी ने संघ के अध्यक्ष मोहम्मद अजहरुद्दीन को छोड़ कर विशेष आम बैठक के लिए उसकी तरफ से बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एवं हैदराबाद के पूर्व क्रिकेटर शिवलाल यादव के नाम की सिफारिश की, हालांकि जनरल बॉडी का यह कदम वार्षिक आम सभा (एजीएम) के फैसले की वैधता पर सवाल उठाता है। एजीएम में घोषणा की गई थी कि 11 अप्रैल की जनरल बॉडी का कोई अधिकार नहीं है।
हैदराबाद के दो पूर्व क्रिकेटरों के बीच गतिरोध ने बीसीसीआई को इसलिए असमंजस में लाकर खड़ा कर दिया है, क्योंकि शिवलाल को एसजीएम में हिस्सा लेने की अनुमति देने के फैसले से एचसीए के अध्यक्ष के रूप में अजहरुद्दीन की स्थिति अस्थिर हो जाएगी। अगर उन्हें एसजीएम में भाग लेने की अनुमति दी जाती है तो यह बीसीसीआई द्वारा एक सामान्य निकाय के प्रस्ताव की अवहेलना करना होगा। इस दुविधा के चलते बीसीसीआई ने न तो अजहरुद्दीन को बैठक को लेकर मेल भेजा है और न ही शिवलाल को। बीसीसीआई ने शुक्रवार को एचसीए की आधिकारिक ई-मेल पर मेल भेजा है। वर्चुअल बैठक के लिए लिंक और पासवर्ड शाम तक साझा किए जाने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि कई दिनों के इंतजार के बाद राज्य क्रिकेट संघों को बीसीसीआई की ओर से शुक्रवार को 29 मई को वर्चुअल रूप से होने वाली विशेष आम बैठक (एसजीएम) के समय को लेकर मेल मिला है। मेल के मुताबिक शनिवार को दोपहर 12 बजे बैठक होगी, लेकिन वर्चुअल बैठक के लिए लिंक और पासवर्ड अभी भी साझा नहीं किया गया है, जिससे राज्य संघों में आधारभूत जानकारी में लगातार हो रही देरी को लेकर संदेह की स्थिति बनी हुई है।
इस बीच बीसीसीआई ने इस मामले में सलाह देने के लिए अपने कानूनी विभाग को अधिकृत किया है। बीसीसीआई के वकील गुरुवार से एचसीए सचिव से बात कर रहे हैं और उन्होंने 11 अप्रैल की एजीएम का ब्योरा मांगा है। समझा जाता है कि बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने भी एचसीए के प्रमुख सदस्यों से बात की है। शाम तक इस संबंध में कोई फैसला आने की उम्मीद है।
पूर्व भारतीय कप्तान अजहरुद्दीन ने एक बयान में कहा कि शाम तक इस बारे में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। वहीं पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शिवलाल ने कहा, “ एसजीएम में शामिल होना किसी के लिए भी बड़ी बात नहीं है। मैंने बीसीसीआई में सर्वोच्च पद संभाला है। अगर बीसीसीआई फैसला करता है कि मुझे इसमें शामिल होना चाहिए तो मैं हैदराबाद क्रिकेट के हित में ऐसा करूंगा। ”
उल्लेखनीय है कि शनिवार को होने वाली एसजीएम में महामारी की स्थिति के मद्देनजर भारत में क्रिकेट के भविष्य पर फैसला लिया जाएगा। वहीं बैठक में टी-20 विश्व कप के आयोजन, आगामी क्रिकेट सत्र के लिए घरेलू टूर्नामेंट के शैड्यूल और शेष आईपीएल के आयोजन को लेकर फैसला लिए जाने की उम्मीद है। बैठक में यह तय किया जाएगा कि आईपीएल 14 के शेष 31 मैचों को कहां, कब और कैसे आयोजित किया जाए।(वार्ता)