इंदौर। शिखर धवन की अनुपस्थिति के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्तमान वनडे श्रृंखला में पारी का आगाज कर रहे अजिंक्य रहाणे ने शनिवार को यहां कहा कि केवल वही नहीं बल्कि भारतीय टीम का हर सदस्य बल्लेबाजी क्रम में किसी भी स्थान पर खेलने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहता है और यह टीम के लिए कोई समस्या नहीं है।
धवन पारिवारिक कारणों से पहले 3 मैच से बाहर हो गए थे और ऐसे में रहाणे को मौका मिला। वे चेन्नई में पहले वनडे में नहीं चल पाए थे लेकिन कोलकाता में दूसरे वनडे में उन्होंने अर्द्धशतक जमाया। रहाणे ने अब तक वनडे में जो 81 मैच खेले हैं उनमें से 51 में वे पारी की शुरुआत करने के लिए उतरे और उन्होंने कहा कि टीम का हर बल्लेबाज किसी भी क्रम में खेलने के लिए मानसिक रूप से मजबूत है।
रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे की पूर्व संध्या पर कहा कि सामंजस्य बिठाना पूरी तरह से मानसिक है। अच्छी बात यह है कि इस टीम में कोई भी किसी भी स्थान पर खेल सकता है। मैं शीर्ष क्रम तथा 3रे, 4थे और 5वें नंबर पर खेल सकता हूं। परिस्थिति के अनुसार खेलना महत्वपूर्ण होता है। धवन की चौथे वनडे में वापसी के बाद रहाणे को बाहर होना पड़ सकता है लेकिन वे इसे चिंतित नहीं हैं और केवल अपने खेल पर ध्यान देना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि देखिए मैं भविष्य के बारे में नहीं सोचता हूं। जब भी मुझे मौका मिलता है तो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करता हूं। भविष्य में क्या होगा, इस पर विचार नहीं करता हूं। मैं हर मैच में शतक जड़ने के बारे में नहीं सोचता। अगर मैं 40-50 रन भी बनाता हूं और वे टीम के काम आते हैं तो यह महत्वपूर्ण है। जब शिखर आएगा तो क्या होगा, मैं नहीं जानता।
ऑस्ट्रेलियाई टीम को भारत के कलाई के दोनों स्पिनरों युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव के सामने जूझना पड़ रहा है और रहाणे ने इसे अच्छा संकेत बताया कि स्टीव स्मिथ और साथियों के दिमाग में इन दोनों का खौफ बना है। चहल और कुलदीप ने अब तक 2 मैचों में 5-5 विकेट लेकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई है। ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने भी इन दोनों की जमकर तारीफ की थी।
रहाणे ने कहा कि यह अच्छा संकेत है कि वे (ऑस्ट्रेलियाई) उन्हें नहीं समझ पा रहे हैं। चहल और कुलदीप दोनों ही बहुत अच्छे स्पिनर हैं। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है और वनडे क्रिकेट में बीच के ओवरों में विकेट लेना महत्वपूर्ण होता है। वे अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभा रहे हैं। बीच के ओवरों में विकेट ले रहे हैं और रनों पर भी अंकुश लगा रहे हैं।
श्रीलंका से लौटने के बाद महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से टिप्स लेने वाले रहाणे ने कहा कि इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा, क्योंकि मास्टर ब्लास्टर ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मानसिक रूप से मजबूत बनने की सीख दी। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के खिलाफ श्रृंखला समाप्त होने के बाद मैंने 4 दिन बीकेसी (बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स मुंबई) में अभ्यास किया। मुझे सचिन पाजी वहां पर मिले थे। उन्होंने यही कहा कि अपने खेल पर ध्यान देना, क्योंकि मौका कभी मिलेगा और कभी नहीं।
उन्होंने तकनीक के बारे में ज्यादा नहीं बताया बल्कि मानसिक पहलू के बारे में बात की। आपकी मानसिक तैयारी काफी महत्व रखती है। रहाणे ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने कई मैच खेले हैं उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई कैसी लाइन व लेंथ से गेंदबाजी करते हैं। उन्होंने काफी सकारात्मक बातें की और उससे मेरा काफी मनोबल बढ़ा। मेरी कोशिश यही थी कि पहले मैच में जो गलती हुई उसे नहीं दोहराने से बचना है। भारत के चौथे और 5वें नंबर के बल्लेबाज मनीष पांडे और केदार जाधव अभी तक वर्तमान श्रृंखला में नहीं चल पाए हैं लेकिन इसे रहाणे चिंता का विषय नहीं मानते हैं।
उन्होंने कहा कि इन दोनों ने श्रीलंका में अच्छा प्रदर्शन किया था और टीम प्रबंधन पूरी तरह से उनके साथ है। मनीष और केदार अच्छे खिलाड़ी हैं और अपने खिलाड़ियों में आत्मविश्वास भरना महत्वपूर्ण है। कई बार आप सफल रहते हो और कई बार आपको असफलता भी मिलती है। भारत का होलकर स्टेडियम में रिकॉर्ड शानदार रहा है और उसने अब तक यहां जितने भी मैच खेले हैं उनमें जीत दर्ज की है।
लेकिन रहाणे का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम के खिलाफ जीत तय मानकर नहीं चला जा सकता है। हम अच्छी क्रिकेट और जीत के लिए खेलते हैं। कोई भी रिकॉर्ड के लिए नहीं खेलता। अगर आप अच्छा प्रदर्शन करते हो तो रिकॉर्ड खुद ही बन जाते हैं। हम चीजों को तय मानकर नहीं चलते। ऑस्ट्रेलिया मजबूत टीम है। तीसरे वनडे के लिए रणनीति के बारे में मुंबई के इस बल्लेबाज ने कहा कि रणनीति अभ्यास सत्र के बाद तय की जाएगी। जहां तक होलकर स्टेडियम की बात है तो मैंने और टीम ने हमेशा लुत्फ उठाया है। मैं घरेलू क्रिकेट से यहां खेलता रहा हूं और मेरी यहां से कुछ अच्छी यादें जुड़ी हैं। (भाषा)