भारत की महिला क्रिकेटर अंशुला राव डोपिंग टेस्ट में फेल हो गई हैं। इससे पहले आज तक भारतीय महिला टीम की कोई भी खिलाड़ी इस टेस्ट में फेल नहीं हुई। इसलिए अंशुला डोप टेस्ट में फेल होने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनीं। इस मामले पर नाडा ने एक्शन लेते हुए महिला खिलाड़ी पर 4 साल का बैन लगा दिया गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, नाडा के पैनल ने खिलाड़ी पर 4 साल का बैन लगाया है। मप्र की ओर से विभिन्न टूर्नामेंट में उतरने वाली अंशुला राव को प्रदर्शन बढ़ाने के लिए प्रतिबंधित पदार्थ लेने का दोषी पाया गया है। वे आखिरी बार 2019-20 में अंडर-23 टूर्नामेंट में उतरी थीं। पिछले साल उन्हें मार्च में प्रतिबंधित पदार्थ लेने के कारण सस्पेंड किया गया था। खिलाड़ी इस मामले में सही जानकारी नहीं दे सकी थीं।
चार साल के बैन के अलावा अंशुला को उनसे बी सैंपल की जांच के लिए 2400 यूरो (लगभाग 2 लाख रुपए) देने को कहा गया। आज से पहले ऐसा शायद ही किसी प्लेयर के साथ किया गया हो, जिससे टेस्ट के पैसे मांगे गए हो। दरअसल, अंशुला राव के दो सैंपलों को जांच के लिए बेल्जियम भेजा गया था। इसमें प्रतिबंधित पदार्थ पाए गए। पैनल के समक्ष अपने बचाव में अंशुला राव ने कहा कि डोप टेस्ट और नाडा द्वारा लगाए गए आरोप के बीच लगभग 4 महीने का समय हो गया है।
अंशुला अपनी सफाई भी पेश नहीं कर सकी हैं। जबकि आपको याद हो तो साल 2019 में पृथ्वी शॉ पर भी नाडा ने 8 महीनों का बैन लगाया था, क्योंकि वह डोपिंग टेस्ट में फेल हो गए थे। मगर शॉ ने इस पर सफाई पेश की थी और बताय था कि उनके पिता ने उन्हें सर्दी-जुकाम के लिए सिरप लेने को कहा था और वह अनजाने पर प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन कर बैठे। हालांकि शॉ से टेस्टिंग के लिए पैसे देने को नहीं कहा गया था।