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व्यावहारिक सुधारों को ही लागू करेंगे : अनुराग ठाकुर

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मुंबई , रविवार, 22 मई 2016 (20:30 IST)
मुंबई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के नए अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त जस्टिस आरएम लोढा समिति की बोर्ड में सुधार के लिए क्रांतिकारी सिफारिशें लागू करने के मुद्दे पर कहा है कि वह बोर्ड में सुधारों के पक्षधर रहे हैं लेकिन व्यावहारिक सुधारों को ही लागू किया जा सकेगा। 
ठाकुर ने बीसीसीआई की विशेष आम बैठक में रविवार को नया बोर्ड अध्यक्ष चुने जाने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में लोढा समिति की सिफारिशों पर साफ शब्दों में कुछ नहीं कहा लेकिन यह जरूर दोहराया कि वह बोर्ड में सुधारों के पक्षधर हैं।
 
उन्होंने कहा कि भारतीय बोर्ड ने कभी भी व्यापक सुधारों से बचने का प्रयास नहीं किया है। हमने लोढा समिति से पहले भी कई सुधार किए थे, लेकिन हम व्यावहारिक सुधारों को लागू करने के पक्ष में है। जब भी उससे ज्यादा करने का समय आएगा हम करेंगे।
 
उन्होंने कहा कि मैं इस दिन केवल यही कह सकता हूं कि यदि आप रविवार को ट्विटर रिपोर्ट को देखें तो कोई तेजी से बढ़ती हुई लीग है तो वह आईपीएल है। यदि आप इसका अलग पहलू देखना चाहते हैं तो सबसे अधिक राजस्व घरेलू सीरीज और विज्ञापनों से होता है। राज्य संघ अपना ढांचा खुद बना रहे हैं। भारत में जहां बाकी खेलों के लिए आधारभूत ढांचा सरकार बनाती है तो वहीं भारत में केवल क्रिकेट में यह काम बीसीसीआई करता है।
 
बीसीसीआई के दूसरे सबसे युवा अध्यक्ष ठाकुर ने विज्ञापनों में कटौती के लोढा समिति की सिफारिश के सवाल पर कहा कि हम एक पैसा भी केंद्र या राज्य सरकार से नहीं लेते हैं। पूर्व क्रिकेटरों को पेंशन भी बोर्ड देता है। यह पैसा कहां से आ रहा है। यह सब इसी तरह से आ रहा है। क्या इससे ठाकुर और शिर्के ही पीड़ित होंगे? नहीं इससे राज्य संघ पीड़ित होंगे।
 
ठाकुर ने इस बीच पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर के उन विचारों को फिर से दोहराया जिसमें उन्होंने कहा था कि लोढा समिति की कुछ सिफारिशें व्यावहारिक नहीं है, लेकिन आश्वस्त किया कि बोर्ड जरूरत के हिसाब से अधिक पेशेवर लोगों को बोर्ड से जोड़ेगा। बोर्ड के सदस्यों में राहुल जौहरी नए मुख्य कार्यकारी (सीईओ) के रूप में और संतोष रांगनेकर मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) के रूप में शामिल कर लिए गए हैं।
 
बीसीसीआई के नए सचिव अजय शिर्के ने भी लोढा समिति की सिफारिशों पर कुछ असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि सुधारों का अर्थ नए सिरे से चीजों को बनाना नहीं होता है। यह मामला अभी भी अदालत के विचाराधीन है।
 
41 वर्षीय ठाकुर ने साथ ही महिला क्रिकेट के विकास की बात भी दोहराई और कहा कि आगे महिला क्रिकेट कार्यक्रम में कुछ और टूर्नामेंट जोड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि महिला टीम आने वाले वर्षों में और टूर्नामेंट खेलेगी। हम महिला समिति से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर इन टूर्नामेंटों के लिए सुझाव मांगेंगे।
 
लंबे समय से महिला लीग की मांग पर उन्होंने कहा कि हम महिला बिग बैश लीग, महिला क्रिकेट सुपर लीग और महिला इंडियन प्रीमियर लीग के बारे में महिला समिति से बात करेंगे। इस बीच बोर्ड ने फैसला किया कि टेस्ट मैच आयोजित करने वाले सभी राज्य संघ स्कूली बच्चों और विकलांगों के लिए अपनी क्षमता का 10 फीसदी काम्पलीमेंट्री टिकट के रूप में रखेंगे।
 
बोर्ड ने सभी अंतरराष्ट्रीय स्थलों पर ऊर्जा और पानी संरक्षण के उपाय इस्तेमाल करने की जरूरत पर भी जोर दिया। वर्षा के पानी के संरक्षण, सीवरेज, पानी के ट्रीटमेंट प्लान, सौर पैनल और एलईडी के इस्तेमाल के लिए 100 करोड़ रुपए का कोष बनाने का भी प्रस्ताव रखा है।
 
बोर्ड की क्रिकेट समिति ने शारीरिक रूप से विकलांग, मूक-बधिर और दृष्टिहीन क्रिकेटरों को सहयोग देने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की। इस पहल के लिए अगले पांच वर्षों में पांच करोड़ रुपए का कोष बनाया जाएगा।
 
समिति का कहना था कि बीसीसीआई के सभी सदस्य संघों को अगले छह महीनों के अंदर अपनी खुद की वेबसाइट बनानी होगी और सोशल मीडिया की उपस्थिति दर्ज करानी होगी। बोर्ड इसके लिए सहयोग उपलब्ध कराएगा। (वार्ता) 

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