नई दिल्ली। जस्टिस आरएम लोढा ने उच्चतम न्यायालय द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को उनके पदों से बर्खास्त किए जाने को जायज ठहराते हुए सोमवार को कहा कि यह तो होना ही था।
शीर्ष अदालत ने बीसीसीआई में सुधार के लिए लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने को लेकर बोर्ड अध्यक्ष ठाकुर और सचिव शिर्के को उनके पदों से बर्खास्त कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर, न्यायाधीश एएम खानवेलकर तथा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने ठाकुर के खिलाफ अवमानना नोटिस भी जारी किया।
न्यायमूर्ति लोढा ने कहा कि 18 जुलाई 2016 के आदेश को ठाकुर और शिर्के ने लागू नहीं किया इसलिए उन्हें बर्खास्त किया जा रहा है। यह एक तार्किक नतीजा है। उन्होंने शीर्ष अदालत के इस निर्णय को भारत में खेल की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक निर्णय देश में अन्य खेल संगठनों के लिये भी एक मिसाल है।
न्यायमूर्ति लोढा ने कहा कि यह तो होना ही था और अब यह हो चुका है। हमने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष तीन रिपोर्ट जमा कराई थी, लेकिन बीसीसीआई ने सिफारिशों को लागू करने की जरूरत नहीं समझी। न्यायालय ने साफ कर दिया है कि उनका 18 जुलाई का निर्णय अब लागू हो चुका है। (वार्ता)