टेस्ट क्रिकेट में स्पिन गेंदबाज आर अश्विन का शानदार प्रदर्शन जारी है। अपना 77वां टेस्ट मैच खेल रहे अश्विन ने यह उपलब्धि तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन जोफ्रा आर्चर को आउट कर हासिल की।
आर अश्विन कपिल देव से पीछे हैं जिन्होंने टेस्ट में रिचर्ड हैजली का रिकॉर्ड मोटेरा (अब नरेंद्र मोदी स्टेडियम) पर ही तोड़ा था। अपना 131वां टेस्ट खेल रहे कपिल ने 434 विकेट लेकर उस समय सर्वाधिक टेस्ट विकटों का रिकॉर्ड बनाया था।
इसके अलावा वह जल्द टेस्ट मैचों में 417 विकेट चटका चुके हरभजन सिंह से पीछे हैं । जिस स्तर की वह गेंदबाजी कर रहे हैं वह जल्दी ही हरभजन सिंह से आगे निकल जाएंगे जिन्होंने कुल 103 टेस्ट खेले हैं। उनको अगर मशक्कत करनी पड़ेगी तो सिर्फ भारत की ओर से सर्वाधिक टेस्ट विकेट चटकाने वाले अनिल कुंबले से , जो कि 619 विकेट चटका चुके हैं।कुंबले ने अपने करियर में 132 मैच खेले हैं।
दिलचस्प बात यह है कि इन सभी नामों से तुलना करें तो अश्विन ने दूसरे सबसे कम टेस्ट मैचों में 400 विकेट लिए हैं। अश्विन की फिटनेस देखकर लगता है कि वह इन नामों से कहीं आगे निकलने वाले हैं।
अश्विन सबसे तेज 400 विकेट पूरे करने वाले श्रीलंका के ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के बाद दूसरे गेंदबाज बने हैं। मुरलीधरन ने 72 टेस्टों में 400 विकेट लिए थे, जबकि अश्विन अपने 77वें टेस्ट में इस उपलब्धि हासिल की है।
आर अश्विन गेंद से ही नहीं बल्ले से भी टीम इंडिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। दूसरे टेस्ट में अश्विन ने न केवल 5 विकेट लिए थे बल्कि बल्ले से शतक भी जड़ा था। यही कारण है कि आईसीसी टेस्ट ऑलराउंडर की लिस्ट में भी वह पांचवे पायदान पर है और गेंदबाजी रैंकिंग में सातवें पायदान पर हैं।
साल 2011 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत कर चुके आर अश्विन को इस टेस्ट में 400 विकेट तक पहुंचने के लिए 9 विकटों की जरूरत थी जो उन्होंने दो दिनों में पूरी कर ली। (वेबदुनिया डेस्क)