पर्थ। बेहतरीन फार्म में चल रहे न्यूजीलैंड की सफलता की असली परीक्षा गुरुवार से यहां दिन-रात्रि टेस्ट के साथ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रही 3 मैचों की श्रृंखला में होगी। हाल में अपनी सरजमीं पर इंग्लैंड को हराकर लगातार सातवीं श्रृंखला में अजेय रही न्यूजीलैंड की टीम विश्व टेस्ट रैंकिंग में दूसरे स्थान पर पहुंच गई है।
इस प्रदर्शन और कप्तान केन विलियमसन, बल्लेबाज रोस टेलर और टाम लैथम तथा गेंदबाज नील वैगनर के व्यक्तिगत फार्म के कारण विशेषज्ञ मौजूदा टीम को न्यूजीलैंड की सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ टीम कह रहे हैं। लेकिन न्यूजीलैंड की टीम के किसी भी खिलाड़ी ने पर्थ, मेलबर्न या सिडनी में कोई मैच नहीं खेला है, जो कल से शुरू हो रही टेस्ट श्रृंखला के 3 आयोजन स्थल हैं और जब तक टीम यहां सफलता हासिल नहीं करती, तब तक उसे वास्तव में न्यूजीलैंड की सर्वश्रेष्ठ टीम का दर्जा नहीं मिल पाएगा।
न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया में एकमात्र टेस्ट श्रृंखला 1985 में जीती जब रिचर्ड हैडली और मार्टिन क्रो की अगुआई में टीम ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। इसके बाद 32 साल में न्यूजीलैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया में 22 में से एक ही टेस्ट जीत सकी और कुल मिलाकर टीम ने ऑस्ट्रेलिया में 31 में से 3 ही टेस्ट जीते हैं। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी सरजमीं पर 2015 में हुई पिछली श्रृंखला में न्यूजीलैंड को 2-0 से हराया, जबकि 2016 में न्यूजीलैंड को उसकी सरजमीं पर भी 2-0 से शिकस्त दी।
न्यूजीलैंड अगर ऑस्ट्रेलिया और इसके बाद स्वदेश में दुनिया की नंबर एक टीम भारत को भी हरा देता है तो नंबर एक टीम बन जाएगा। लेकिन उसकी राह आसान नहीं होगी। पाकिस्तान को स्वदेश में 2-0 से रौंदने वाली ऑस्ट्रेलिया की टीम शानदार लय में है।
बल्लेबाजी में डेविड वार्नर और मार्नस लाबुशेन का बल्ला ढेरों रन उगल रहा है, जबकि मिशेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड की गेंदबाजी बल्लेबाजों के छक्के छुड़ा रही है। न्यूजीलैंड की राह इसलिए भी मुश्किल है, क्योंकि उसे इन हालात में खेलने का कोई अनुभव नहीं है, जबकि दौरे से पहले उसे अभ्यास मैच भी खेलने को नहीं मिला। इसके अलावा टीम ने पिछले कुछ समय से दिन-रात्रि टेस्ट भी नहीं खेला है।