दुबई। अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने जिम्बाब्वे क्रिकेट के पूर्व अध्यक्ष इनॉक इकोपे पर भ्रष्टाचार के आरोप में सभी तरह की क्रिकेट से 10 वर्ष का प्रतिबन्ध लगाया है।
जिम्बाब्वे घरेलू क्रिकेट के अधिकारी राजन नायर ने अक्टूबर 2017 में पूर्व कप्तान ग्रीम क्रेमर से फिक्सिंग के लिए संपर्क साधा था। इकोपे का प्रतिबन्ध आईसीसी की भ्रष्टाचार इकाई एसीयू के इसी मामले से जुड़ा है। नायर को पिछले साल सभी तरह की क्रिकेट गतिविधियों से 20 वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।
नायर हरारे मैट्रोपोलिटयन क्रिकेट एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष और मार्केटिंग निदेशक थे। आईसीसी ने कहा कि इकोपे आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी संहिता से बंधे हुए हैं और उन्हें हरारे मैट्रोपोलिटयन क्रिकेट एसोसिएशन के चेयरमैन और जिम्बाब्वे क्रिकेट के निदेशक की हैसियत से जांच में सहयोग करना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
इकोपे पर एसीयू से कागजात और जानकारी छिपाने के आरोप हैं। इसके साथ ही उन पर एसीयू द्वारा उनका मोबाइल फोन मांगने पर भी अपना फोन नहीं देने का भी आरोप लगा है।
इकोपे पर हर नियम को तोड़ने के लिए पांच साल का प्रतिबन्ध लगा है। ट्रिब्यूनल ने इकोपे पर तीसरे नियम को तोड़ने के लिए धारा 2।4।7 के तहत पांच साल का बैन लगाया। इस हिसाब से उन पर कुल 10 वर्ष का बैन लगा है।
आईसीसी के महाप्रबंधक एलेक्स मार्शल ने कहा, हम इस फैसले का स्वागत करते हैं और इकोपे पर जो धारा लगाई गई हैं वो काफी गंभीर है। जांच में सहयोग नहीं करना यह हमारी नीति के खिलाफ है और इसे कतई मंजूर नहीं किया जा सकता है। मुझे उम्मीद है कि इकोपे पर लगे प्रतिबन्ध से पूरी क्रिकेट बिरादरी में इसे लेकर साफ संदेश जाएगा।
उन्होंने कहा, मैं कप्तान क्रेमर का भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने अपना कर्तव्य निभाते हुए नायर की बात नहीं मानी और उसके प्रस्ताव को खारिज कर दिया। हम जिम्बाब्वे क्रिकेट को भी धन्यवाद देते हैं जिन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया।