बीसीसीआई की नजर अब रणजी और विजय हजारे ट्रॉफी के आयोजन पर
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का सफल आयोजन बोर्ड की एक उपलब्धि
मुंबई: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सैयद मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट की तरह अब राज्य संघों से रणजी ट्रॉफी के लम्बे फॉर्मेट और विजय हजारे ट्रॉफी के 50 ओवर के टूर्नामेंट के आयोजन के लिए राज्य संघों से सुझाव मांगे हैं।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का कोरोना काल के समय में सफल आयोजन हुआ है और अब 31 जनवरी को इसके फ़ाइनल का आयोजन अहमदाबाद के नवनिर्मित सरदार पटेल स्टेडियम में होना है। बीसीसीआई ने घरेलू सत्र की शुरुआत के लिए राज्य संघों से सुझाव मांगे थे और सभी राज्य संघों ने एकमत से सुझाव दिया था कि पहले मुश्ताक अली का आयोजन हो।
बीसीसीआई को अब यह तय करना है कि जनवरी के अंत के बाद उसे किस टूर्नामेंट का आयोजन करना है। कई राज्य संघों ने बताया है कि बीसीसीआई ने उनसे संपर्क कर सुझाव मांगे हैं कि मुश्ताक अली के बाद किस टूर्नामेंट का आयोजन किया जाए। ओडिशा का इस मामले में सीधा जवाब था- विजय हजारे।
अधिकतर राज्य संघों का मानना है कि विजय हजारे का आयोजन किया जाए क्योंकि सीमित समय में रणजी का आयोजन करना मुश्किल होगा। लेकिन आंध्र क्रिकेट संघ ने बीसीसीआई को कहा है रणजी ट्रॉफी के आयोजन की संभावना तलाशी जाए क्योंकि सफ़ेद बॉल का एक टूर्नामेंट आयोजित हो चुका है।
मुंबई क्रिकेट संघ की प्राथमिकता में विजय हजारे ट्रॉफी है। इस सन्दर्भ में राष्ट्रीय चयन समिति और उसके अध्यक्ष चेतन शर्मा की भी राय मांगी गयी है जिन्होंने अपने सहयोगियों की सलाह मांगी है।
आईपीएल के 14वें संस्करण का आयोजन होना है और इस दौरान बीसीसीआई के पास दो महीने का समय बचा है जिसमें वह घरेलू टूर्नामेंटों का आयोजन करना चाहता है। बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली इस दौरान रणजी ट्रॉफी कराने के पक्ष में हैं। (वार्ता)