नई दिल्ली। भारत और इंग्लैंड के बीच राजकोट में होने वाले पहले टेस्ट मैच में पैसे को लेकर उत्पन्न संकट टल गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को टेस्ट मैच के लिए क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को 58 लाख 66 हजार रुपए संबंधित वेंडरों को जारी करने की अनुमति दे दी है।
इससे पहले बीसीसीआई ने उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाते हुए कहा कि यदि लोढ़ा समिति फंड जारी करने पर लगाई गई रोक को नहीं हटाता है तो बुधवार से राजकोट में शुरू होने जा रहे भारत और इंग्लैंड सीरीज के पहले टेस्ट को रद्द करना पड़ सकता है।
बीसीसीआई की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि यदि फंड जारी नहीं किए जाते हैं तो बुधवार को टेस्ट नहीं कराया जा पाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने गत माह राज्य क्रिकेट संघों को फंड जारी करने से बीसीसीआई को मना कर दिया था। अदालत ने कहा था कि जब तक भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने पर अपना रुख साफ नहीं करते हैं, यह फंड जारी नहीं किए जाएंगे।
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायाधीश आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को हरी झंडी देते हुए शीर्ष अदालत ने उसे लागू करने के निर्देश बीसीसीआई को दिए थे, लेकिन बोर्ड ने अब तक इस पर रुख साफ नहीं किया है जिसके बाद बोर्ड और समिति के बीच काफी खींचतान चल रही है। फंड पर रोक के बाद बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के ने इंग्लैंड क्रिकेट टीम के प्रबंधन को पत्र लिखकर भारत दौरे में अपना खर्चा खुद वहन करने की भी अपील की थी।
भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्टों की सीरीज खेली जानी है जिसका पहला मैच राजकोट में बुधवार से शुरू हो रहा है। इसका आयोजन सौराष्ट्र क्रिकेट संघ कर रहा है और दोनों टीमें अपने मैच के लिए शहर भी पहुंच चुकी हैं।
हालांकि बोर्ड की ओर से मंगलवार को मैच की पूर्व संध्या पर मीडिया के लिए विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि राजकोट में नौ नवंबर को पहला टेस्ट होगा। वहीं भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने भी तय कार्यक्रम पर संवाददाता सम्मेलन किया था।