नई दिल्ली। लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई के ‘मार्गदर्शन’ के लिए पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लै को पर्यवेक्षक नियुक्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय को निर्देश देने को कहा है जिसके बाद बोर्ड के आला अधिकारियों को नहीं पता कि आखिर कैसे लंबित लगभग 100 निविदाओं की प्रक्रिया पूरी की जाए।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया कि मीडिया अधिकार से लेकर भारतीय टीम के शर्ट के प्रायोजन करार तक, प्रत्येक लंबित निविदा प्रक्रिया में विलंब हो रहा है। इससे बीसीसीआई में भ्रम बढ़ रहा है। लगभग 100 निविदा लंबित हैं जिनमें से अधिकांश इंडियन प्रीमियर लीग से जुड़ी हैं जिसमें सिर्फ चार महीने का समय बचा है।
बीसीसीसीआई को आईपीएल के 10 साल के मीडिया अधिकारी से चार अरब डालर की कमाई की उम्मीद है जिसमें प्रसारण, डिजिटल और मोबाइल अधिकार भी शामिल हैं। इसके अलावा टीम के पोशाक का प्रायोजन करार भी बढ़ाया जाना है।
सूत्र ने कहा कि नाईकी के साथ पोशाक करार मार्च 2017 में खत्म हो रहा है। अब नाईकी हो या एडिडास या प्यूमा, किसी भी खेल सामग्री निर्माता कंपनी को पोशाक तैयार करने में न्यूनतम छह महीने की जरूरत होगी। बीसीसीआई ऐसे कुछ मुद्दों से परेशान है। (भाषा)