2 साल पहले आया शतक, औसत 26.5 का, बेन स्टोक्स खो चुके हैं सम्मान
साल दर साल स्टोक्स की बल्लेबाजी फॉर्म में गिरावट आई
टेस्ट क्रिकेट में बेन स्टोक्स ने अपने 13 शतकों में से आखिरी शतक एशेज के दौरान लॉर्ड्स में लगाया था जिसे दो साल हो चुके हैं। वह बृहस्पतिवार से लार्ड्स में भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट के लिए उतरेंगे, लेकिन बतौर ऑलराउंडर ही उनके टीम के स्थान पर सवाल उठ रहे हैं। गेंद से उन्होंने पहले टेस्ट में भारत की पहली पारी में 4 विकेट जरूर निकाले थे लेकिन उसके बाद गेंद से भी वह कुछ खास नहीं कर सके। यही कारण है कि पिछले 2 साल से उनका औसत 26.56 का हो गया है।
पूर्व कप्तान माइकल आथर्टन ने एजबेस्टन में दूसरे टेस्ट में मेजबान टीम की भारत के हाथों शर्मनाक हार के बाद कहा कि बेन स्टोक्स की बल्लेबाजी फॉर्म में पिछले कुछ वर्षों में लगातार गिरावट आई है, विशेषकर ऐसे समय में जब उन्हें आलोचनाओं का सामना कर रही इंग्लैंड टीम की आगे बढ़कर अगुवाई करनी चाहिए।आथर्टन का मानना है कि कप्तान के रूप में तीन साल के अपने कार्यकाल में भारत के खिलाफ श्रृंखला स्टोक्स की नेतृत्व क्षमता की सबसे कड़ी परीक्षा है।
आथर्टन ने द टाइम्स के लिए अपने कॉलम में लिखा, लगातार मैच खेलना, कम आराम, भारी हार और खराब निर्णय की उनकी समस्याओं में बल्ले से उनकी फॉर्म ने इजाफा किया है जिसमें उनके पद संभालने के बाद साल दर साल गिरावट देखी गई है।इंग्लैंड के लिए 100 से अधिक टेस्ट खेलने वाले इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, एक प्रारूप में खेलने वाले खिलाड़ी के रूप में जो टेस्ट के अलावा ज्यादा क्रिकेट नहीं खेलता है - कभी-कभी अपनी मर्जी से - स्टोक्स उस समय लय और फॉर्म से बाहर हो जाते हैं जब उसे आगे बढ़कर नेतृत्व करने की जरूरत होती है।
आथर्टन ने यह भी बताया कि भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने स्टोक्स के विपरीत स्पिनरों का सामना आसानी से किया है।उन्होंने कहा, स्टोक्स स्पिन के खिलाफ अस्थिर दिखे हैं जबकि उनके भारतीय समकक्ष ने दबदबा बनाया है। इस श्रृंखला में गिल की वापसी बहुत अच्छी रही है और एजबेस्टन में जीत उनकी दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प से प्रेरित थी।आथर्टन ने कहा,इंग्लैंड के पास गिल के स्टंप को निशाना बनाने , गेंद को उनके पैड में मारने की योजना थी लेकिन वह आउट होने की स्थिति में नहीं दिखे। एजबेस्टन के बाद गिल की थकान स्टोक्स की थकान से बिल्कुल अलग होगी।
यही कारण है कि सोशल मीडिया पर उनको महान ऑलराउंडर या महान बल्लेबाज नहीं बल्कि महान क्षणों का बल्लेबाज या ऑलराउंडर बोला जा रहा है। यूं तो अपना टेस्ट करियर लंबा करने के कारण सीमित ओवर की क्रिकेट को अलविदा कहने वाले बेन स्टोक्स ने वनडे, टी-20 विश्वकप जीता है, लेकिन बतौर कप्तान विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में नहीं पहुंचा पाए।
2 बार टेस्ट क्रिकेट के इस विश्वकप फाइनल की मेजबानी इंग्लैंड को ही मिली है लेकिन एक बार भी मेजबान टीम इसमें शामिल नहीं हुई है। यही कारण है कि अब ना सिर्फ बल्लेबाजी और गेंदबाजी बल्कि बेन स्टोक्स की कप्तानी पर भी सवाल उठने शुरु हो गए हैं।