लंदन। इंग्लैंड की विश्वकप विजेता टीम के स्टार खिलाड़ी और फाइनल में 'मैन ऑफ द मैच' बने ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने ‘न्यूजीलैंडर ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड लेने से इंकार करते हुए कीवी टीम के कप्तान केन विलियम्सन को इसका हकदार बताया है।
इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए विश्वकप फाइनल में दोनों टीमें ही बराबरी पर रही थीं, जिसके बाद मैच में सर्वाधिक बाउंड्री के आधार पर इंग्लैंड को विश्वकप विजेता बनाया गया था।
इस प्रदर्शन के लिए विलियम्सन की काफी प्रशंसा हुई थी, जिसके बाद उनके देश में उन्हें ‘न्यूजीलैंडर ऑफ द ईयर’ पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। लेकिन इस पुरस्कारों की सूची में इंग्लिश खिलाड़ी स्टोक्स का नाम चौंकाने वाला था जो मूल रूप से न्यूजीलैंड के रहने वाले हैं।
बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने इंस्टाग्राम पर अपने पोस्ट में इस अवार्ड को लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने साथ ही न्यूजीलैंड के कप्तान विलियम्सन की प्रशंसा करते हुए उन्हें इसका हकदार बताया है।
स्टोक्स ने लिखा, 'मैं 'न्यूजीलैंडर ऑफ द ईयर' अवॉर्ड के लिए चुने जाने से बहुत खुश हूं। मुझे न्यूजीलैंड और अपने माओरी होने पर गर्व है लेकिन मुझे इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना जाना उचित नहीं है। बहुत सारे लोग हैं, जो मुझसे अधिक इसके हकदार हैं और उन्होंने न्यूजीलैंड के लिए बहुत कुछ किया है।'
उन्होंने कहा, 'मैंने इंग्लैंड को विश्वकप जीतने में मदद की, मेरा जीवन भी ब्रिटेन में ही स्थापित हुआ है और 12 वर्ष की उम्र से मैं यहां हूं। मैं चाहता हूं कि पूरा देश ही न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन के साथ खड़ा हो। वह असल में कीवी लीजेंड हैं और उन्होंने ही अपनी टीम को विश्वकप फाइनल तक पहुंचाया।'
इंग्लिश खिलाड़ी ने साथ ही लिखा, 'वह प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे हैं और एक प्रेरणास्त्रोत हैं। उनमें विनम्रता और वह बहुत अच्छे इंसान है। वह दर्शाते हैं कि असल न्यूजीलैंडर क्या होता है। वह इस पुरस्कार को पाने के असल हकदार हैं। न्यूजीलैंड उनका समर्थन कीजिए। वह इसे पूरी तरह पाने के हकदार हैं।'
स्टोक्स क्राइस्टचर्च में जन्मे थे और 12 वर्ष की उम्र में अपने पिता गेरार्ड स्टोक्स के साथ इंग्लैंड आ गए थे, जो रग्बी कोच थे। हालांकि कुछ वर्ष पूर्व स्टोक्स के परिजन वापिस क्राइस्टचर्च आ गए लेकिन बेन स्टोक्स इंग्लैंड में ही बस गए हैं।