हैदराबाद। कप्तान विराट कोहली ने भारत में टेस्ट क्रिकेट के लिए इस्तेमाल हो रही एसजी गेंदों की गुणवत्ता की कड़ी आलोचना की है और ड्यूक्स गेंदों को दुनिया में सभी टेस्ट मैचों में समान रूप से इस्तेमाल करने की वकालत की है विराट ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे और अंतिम टेस्ट की पूर्व संध्या पर गुरुवार को कहा, एसजी गेंदें बहुत जल्दी घिस जाती हैं जिसका सीधा असर खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर पड़ता है। हमने पहले कभी नहीं देखा था कि 5 ओवर के खेल में ही एसजी गेंदें घिस जाएं।
भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने राजकोट टेस्ट के बाद एसजी गेंदों को लेकर निराशा जताई थी और अब विराट का भी कहना है कि एसजी गेंदों की गुणवत्ता में गिरावट आई है। उन्होंने कहा, पहले जब यह गेंदें इस्तेमाल होती थीं तो इनका स्तर काफी ऊंचा होता था और मुझे अब समझ नहीं आता कि इसके स्तर में गिरावट क्यों आई है। ड्यूक बॉल की गुणवत्ता बहुत अच्छी है, कूकाबूरा की भी गुणवत्ता अच्छी है और कूकाबूरा में गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाता।
विराट ने साथ ही कहा, ड्यूक्स बॉल टेस्ट क्रिकेट के लिए सबसे उपयुक्त है और यदि मुझसे पूछा जाए तो मैं यही कहूंगा कि इसका दुनिया में समान रूप से इस्तेमाल हो क्योंकि इस बॉल में निरंतरता है और गेंदबाज मैच में किसी भी चरण में इसकी सीम को ठोस और सीधा पाते हैं। भारतीय कप्तान ने कहा, जहां तक स्पिनरों की बात है और यदि गेंद ठोस रहती है तो उन्हें अतिरिक्त उछाल मिल सकती है। लेकिन यदि गेंद 10-12 ओवर बाद ही नरम पड़ जाती है तो आपका प्रदर्शन 20 फीसदी कम हो जाता है।
इसलिए मुझे लगता है कि गेंद की गुणवत्ता को बनाए रखना चाहिए वरना आपको टेस्ट मैचों के कई सत्र बेहद नीरस देखने को मिलेंगे और आप टेस्ट मैच नहीं देखना चाहेंगे। यदि आप रोमांचक क्रिकेट देखना चाहते हैं तो बेहतर गेंद का इस्तेमाल होना चाहिए। केवल इंग्लैंड में ही ड्यूक्स गेंदों का इस्तेमाल टेस्ट मैचों में निरंतरता के साथ होता है। वेस्टइंडीज में इसका इस्तेमाल कभी कभार होता है जबकि ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, बंग्लादेश और श्रीलंका कूकाबूरा के साथ खेलते हैं। कूकाबूरा गेंदें अश्विन की भी पसंद हैं।